च किए ही पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
पत्रकारों ने एसपी और डीआईजी से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। 12 अगस्त को विभिन्न अखबारों में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, बनमा ईटहरी थाना में एक युवक को बिचौलिया के रूप में पेश किया जाता है और थानाध्यक्ष ज्योतिष कुमार के साथ उसका गहरा संबंध है। इसी खबर के चलते थानाध्यक्ष ने बिचौलिया मिथुन कुमार के नाम पर एक आवेदन लेकर पत्रकारों पर झूठे आरोप लगाए।
कांड संख्या 73/24 में मिथुन कुमार से एक लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया गया है। बनमा ईटहरी प्रखंड के विभिन्न अखबारों के पत्रकारों पर लगाए गए मनगढ़ंत आरोपों के तहत कुमोद सिंह, आशीष कुमार, गोलु ठाकुर, गुलशन, राजेश कुमार रंजन, बिमलेश भारती, राजा कुमार, और जयकांत कुमार सहित सात पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पत्रकारों ने एसपी और डीआईजी से झूठे मुकदमों से मुक्ति और एक विशेष जांच टीम का गठन कर मामले की छानबीन की मांग की। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल नंबर का सीडीआर जांचने की भी मांग की ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। अगर पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता पाई जाती है, तो उन्हें बर्खास्त करने और विभागीय कार्रवाई की भी मांग की गई है।
सहरसा के आरक्षी अधीक्षक हिमांशु ने जिले के सभी अखबारों के ब्यूरो चीफ से वार्तालाप के बाद धरना समाप्त करने की घोषणा की। एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर ने कहा कि पुलिस इस मामले पर करीबी नजर रखेगी और एक विशेष टीम गठित की जाएगी जो जांच कर कार्रवाई करेगी। धरना में हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, प्रभात खबर, दैनिक भास्कर, राष्ट्रीय सहारा, और अन्य समाचार पत्रों के पत्रकारों के साथ-साथ जदयू, आरजेडी, सीपीआई, एलजेपी, और कांग्रेस के नेताओं ने भी समर्थन दिया।
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