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चंद्रा टाइम्स

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Gopalganj news : पुलिया निर्माण कार्य के दौरान मजदूर की संदिग्ध मौत, दवा खाने के बाद बिगड़ी तबीयत


गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में सिधवलिया थाना क्षेत्र के दंगसी गांव के पास एक पुलिया निर्माण कार्य के दौरान एक मजदूर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान पूर्वी चंपारण जिले के कोटवा थाना क्षेत्र के अमवा कररिया गांव निवासी बीरा महतो (पुत्र दिवंगत भिखारी महतो) के रूप में हुई है। इस घटना ने निर्माण स्थल पर काम कर रहे अन्य मजदूरों और स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया है।

घटना का विवरण

घटना मंगलवार को उस समय घटी जब 35 वर्षीय बीरा महतो, नहर पर पुलिया निर्माण के कार्य में व्यस्त थे। काम के दौरान बीरा महतो ने अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत की। अन्य मजदूरों ने ठेकेदार को सूचना दी। ठेकेदार ने तुरंत पास की एक दुकान से कोई दवा मंगवाकर बीरा को खिलाई। लेकिन दवा खाने के कुछ ही देर बाद उसकी हालत बिगड़ गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही निर्माण स्थल पर हड़कंप मच गया। वहां काम कर रहे अन्य मजदूर भयभीत हो गए और कुछ समय के लिए काम रोक दिया गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत सिधवलिया थाना की पुलिस को सूचना दी।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

सूचना मिलते ही सिधवलिया थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, गोपालगंज भेज दिया। पुलिस ने मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।

सिधवलिया थाना में तैनात चौकीदार प्रमोद मांझी ने बताया कि मजदूर बीरा महतो ने सीने में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद ठेकेदार ने स्थानीय दुकान से कोई दवा मंगवाई, जिसे खाने के बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि मौत किस कारण हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक कारण का पता चल सकेगा।

परिवार को दी गई सूचना

पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दे दी है। बीरा महतो का परिवार पूर्वी चंपारण के अमवा कररिया गांव में रहता है। वह पिछले एक महीने से इस पुलिया निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहा था। उसके परिवार में पत्नी और तीन छोटे बच्चे हैं, जो अब इस घटना के बाद बेसहारा हो गए हैं।

स्थानीय लोगों में रोष

घटना के बाद स्थानीय लोग और मजदूर ठेकेदार की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि ठेकेदार ने बिना किसी डॉक्टर से परामर्श के दवा मंगवाई, जो मजदूर की मौत का कारण बन सकती है। ग्रामीणों ने ठेकेदार और निर्माण कार्य की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

पुलिस का कहना है कि मौत के असल कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि ठेकेदार द्वारा दी गई दवा में कोई गड़बड़ी तो नहीं थी। इसके अलावा यह भी जांचा जा रहा है कि मजदूर की मौत किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के कारण तो नहीं हुई।

सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को लेकर सरकार और प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जहां मजदूरों को काम के दौरान उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाती। बीरा महतो की मौत ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है।

पीड़ित परिवार की हालत

बीरा महतो के अचानक मौत के बाद उसका परिवार आर्थिक संकट में आ गया है। उसके घर में पत्नी और तीन छोटे बच्चे हैं, जिनकी जिम्मेदारी वह अकेला उठाता था। इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। ग्रामीणों ने सरकार से मृतक के परिवार को मुआवजा देने और बच्चों की देखभाल की मांग की है।

निष्कर्ष

गोपालगंज जिले की यह घटना न केवल एक मजदूर की असामयिक मौत की कहानी है, बल्कि मजदूरों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को भी उजागर करती है। प्रशासन और संबंधित ठेकेदार को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और मृतक के परिवार को न्याय और आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए। पुलिस मामले की जांच कर रही है, और उम्मीद है कि दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी।

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