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चंद्रा टाइम्स

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Patna news : जीतन राम मांझी ने कैबिनेट छोड़ने की बात से किया मुँकर, दी सफाई - कहा, मोदी के साथ मरते दम तक


पटना, 22 जनवरी:
केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जीतन राम मांझी, पिछले कुछ दिनों से अपनी नाराजगी और राजनीतिक बयानबाजियों को लेकर चर्चा में रहे हैं। दिल्ली और झारखंड चुनावों में अपनी पार्टी को सीट न मिलने के बाद उनकी नाखुशी अक्सर मीडिया की सुर्खियों में रही है। इस बीच, मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट्स में यह खबर आई कि जीतन राम मांझी ने केंद्रीय कैबिनेट छोड़ने की बात कही है, लेकिन अब उन्होंने इस पर अपनी सफाई दी है। 

मांझी ने मीडिया द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि जो बातें उनके हवाले से चलाई गई हैं, वह पूरी तरह से ग़लत और भ्रमित करने वाली हैं। उन्होंने बताया कि वे मुंगेर में आयोजित एक सभा में अपनी फ्लाइट छूटने की बात कर रहे थे, न कि कैबिनेट छोड़ने का कोई बयान दिया था। मांझी ने स्पष्ट किया कि उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रिश्ता अडिग है और वह मरते दम तक मोदी के साथ रहेंगे। 

मांझी ने क्या कहा?

जीतन राम मांझी ने अपने बयान में कहा, "कुछ वेब पोर्टल और समाचार चैनलों द्वारा यह भ्रमित करने वाली खबरें फैलाई गईं हैं कि मैं कैबिनेट से इस्तीफा देने वाला हूं। जबकि मैंने मुंगेर की सभा में केवल यह कहा था कि सभा में हो रही देरी के कारण मेरी फ्लाइट छूट जाएगी और मुझे कैबिनेट छोड़ना पड़ेगा, यह सिर्फ मजाक के रूप में था।" उन्होंने यह भी कहा, "मैं साफ तौर पर यह कहना चाहता हूं कि मैं मरते दम तक माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का साथ नहीं छोड़ूंगा। हम सभी देश और बिहार के हित के लिए कार्य कर रहे हैं। कुछ मीडिया घराने विपक्ष के इशारे पर हमें बांटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि वे सचेत रहें, अन्यथा मैं उनके खिलाफ न्यायालय की शरण लूंगा और प्रेस काउंसिल में उनकी शिकायत दर्ज कराऊंगा।"

मुंगेर में क्या कहा था मांझी ने?

बिहार के मुंगेर जिले में हाल ही में आयोजित एक भूइयां-मुसहर सम्मेलन में जीतन राम मांझी ने अपने विचार रखे थे, जिनमें उन्होंने अपनी पार्टी को झारखंड और दिल्ली चुनावों में सीट न मिलने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। मांझी ने कहा था, "जब झारखंड में चुनाव हुआ तो हमारी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई। दिल्ली में भी हमें कोई सीट नहीं दी गई। यह तो अन्याय है। हमें यह समझने की जरूरत है कि हमारा अस्तित्व क्या है, फिर भी हमें सीट क्यों नहीं दी गई?" मांझी ने आगे कहा, "मेरे पास वोट है, लोग मेरे साथ हैं, तो हमें सीट क्यों नहीं मिली? यह सवाल उठाना जरूरी है। हमारा स्टैंड साफ है, जो हमारे अस्तित्व के अनुरूप सीटें दी जाएं।"

कैबिनेट छोड़ने की टिप्पणी पर सफाई

मांझी ने अपनी टिप्पणी के संदर्भ में कहा था कि यदि उनकी बातों को सही तरीके से नहीं लिया गया तो उन्हें शायद कैबिनेट छोड़ने की स्थिति बन जाएगी, लेकिन उन्होंने इस बयान को किसी भी प्रकार से गंभीरता से नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनकी इस टिप्पणी को गलत तरीके से पेश किया और यह दावा किया कि वह कैबिनेट छोड़ने वाले हैं, जो कि बिल्कुल ग़लत है।

NDA से नाराजगी और भविष्य की योजनाएं

जीतन राम मांझी की नाराजगी NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) से पिछले कुछ समय से बढ़ी हुई है, खासकर जब उनकी पार्टी को झारखंड और दिल्ली चुनावों में कोई सीट नहीं मिली। इस मुद्दे पर उन्होंने बार-बार अपनी असंतुष्टि जताई है। उनका कहना है कि अगर उनके और उनकी पार्टी के योगदान को महत्व नहीं दिया जाता, तो इस पर सवाल उठाना जरूरी है। हालांकि, मांझी ने अपने बयान में यह भी साफ किया कि वह प्रधानमंत्री मोदी का साथ छोड़ने का कोई इरादा नहीं रखते और उनका पूरा फोकस बिहार और देश के विकास पर है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है, जो कि गलत है। 

निष्कर्ष

जीतन राम मांझी ने अपनी सफाई में पूरी तरह से यह स्पष्ट किया कि उनकी निष्ठा और समर्थन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अडिग है और वह अपने राजनीतिक रिश्तों को लेकर किसी भी प्रकार के भ्रम का शिकार नहीं होने देंगे। वे मरते दम तक मोदी के साथ रहेंगे और उनका यह बयान बिहार के हित में काम करने का संदेश देता है।  हालांकि, बीजेपी और NDA में उनके भविष्य को लेकर अब भी सवाल उठ रहे हैं, लेकिन मांझी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह सिर्फ अपनी पार्टी और अपने राज्य बिहार के लिए काम करने में विश्वास रखते हैं। अब देखना यह है कि आगामी दिनों में जीतन राम मांझी की राजनीतिक यात्रा किस दिशा में जाती है।

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