Live

6/recent/ticker-posts

चंद्रा टाइम्स

चंद्रा टाइम्स

CBSE Board Result 2025: हाई मार्क्स का ट्रेंड जारी, 10वीं-12वीं में लाखों छात्रों को 90% से अधिक अंक


केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने मंगलवार, 13 मई को 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस बार के रिजल्ट ने एक बार फिर हाई स्कोरिंग ट्रेंड को मजबूती से सामने रखा है। आंकड़े बताते हैं कि 2025 में बोर्ड ने छात्रों को भर-भरकर नंबर दिए हैं — खासकर 90% और 95% से ऊपर स्कोर करने वालों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है।

90% क्लब में लाखों छात्र

CBSE के अनुसार, इस साल 10वीं में 1,99,944 छात्रों को 90% से अधिक अंक मिले हैं। वहीं 12वीं में 1,11,544 छात्रों ने यह आंकड़ा पार किया है। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि 10वीं के 45,516 और 12वीं के 24,867 छात्रों ने 95% से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस स्तर के अंक लाने वालों की संख्या में उल्लेखनीय उछाल आया है।

सीकर की खुशी शेखावत ने किया टॉप

राजस्थान के सीकर जिले की छात्रा खुशी शेखावत ने 12वीं बोर्ड में शानदार प्रदर्शन करते हुए 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं। उन्हें इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल और पेंटिंग जैसे विषयों में 100 में से 100 नंबर प्राप्त हुए हैं।


आखिर कैसे मिल रहे हैं इतने ज्यादा नंबर?

1. मॉडरेशन पॉलिसी का असर

CBSE तीन अलग-अलग सेट में पेपर बनाता है जिनका डिफिकल्टी लेवल अलग होता है। इन्हें संतुलित करने के लिए मॉडरेशन पॉलिसी अपनाई जाती है, जिसमें छात्रों के अंकों में कुछ प्रतिशत नंबर जोड़ या घटाए जाते हैं। इससे कठिन पेपर देने वाले छात्रों को भी संतुलन के तहत अच्छे मार्क्स मिलते हैं।

2. स्टेप बाय स्टेप मार्किंग

गणित और विज्ञान जैसे विषयों में हल करने की प्रक्रिया के हर स्टेप पर अंक दिए जाते हैं। यदि उत्तर गलत भी हो लेकिन स्टेप्स सही हों, तो छात्र को आंशिक या पूर्ण अंक मिल सकते हैं। इससे कुल स्कोर बढ़ने की संभावना अधिक होती है।

3. MCQ का बढ़ता रोल

अब पेपर में मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन (MCQs) की संख्या अधिक हो गई है। सही विकल्प चुनने पर छात्रों को सीधे फुल मार्क्स मिलते हैं, जिससे कुल स्कोर में बढ़ोतरी होती है।

4. प्रैक्टिकल्स और इंटरनल मार्क्स

साइंस, कम्प्यूटर और आर्ट्स जैसे विषयों में 20-30% अंक प्रैक्टिकल्स या इंटरनल असेसमेंट से आते हैं। स्कूल इन हिस्सों में छात्रों को आमतौर पर ऊंचे नंबर देते हैं, जिससे फाइनल स्कोर ऊंचा रहता है।

5. NCERT पर केंद्रित तैयारी

CBSE परीक्षा में 90% से अधिक सवाल NCERT किताबों से पूछे जाते हैं। छात्रों द्वारा NCERT को ध्यान से पढ़ने और पुराने पेपर्स को हल करने से परफॉर्मेंस में सुधार आता है।

6. पिछले सालों के पेपर और टाइम मैनेजमेंट

5–10 साल के प्रश्न पत्र हल करने और समय सीमा में अभ्यास करने से छात्रों को परीक्षा पैटर्न समझ आता है और गलतियों से बचा जा सकता है।





कोविड काल के प्रभाव

कोविड-19 महामारी के दौरान CBSE ने टर्म 1 और टर्म 2 का सिस्टम शुरू किया, जिसमें टर्म 1 केवल MCQs पर आधारित था। इसमें सही उत्तर पर छात्रों को पूरे अंक मिलते थे। साथ ही, स्कूलों ने प्रैक्टिकल्स और इंटरनल असेसमेंट में उदारता दिखाई, जिससे टोटल स्कोर में उछाल आया।


नया बदलाव: कम्पीटेंसी-बेस्ड सवाल

2024-25 से CBSE ने कम्पीटेंसी-बेस्ड क्वेश्चन को बढ़ावा दिया है। ये सवाल छात्रों की प्रैक्टिकल समझ और लॉजिक पर केंद्रित होते हैं। सही जवाब पर फुल मार्क्स दिए जाते हैं।


Post a Comment

0 Comments