दुर्गा पूजा के अवसर पर प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। पूजा पंडालों से लेकर विसर्जन जुलूस तक हर स्तर पर सुरक्षा और अनुशासन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
पूजा पंडाल और जुलूस पर लाइसेंस अनिवार्य
इस बार सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पूजा पंडाल लगाने से लेकर मूर्ति विसर्जन और जुलूस निकालने तक के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। जिन जुलूसों को अनुमति दी जाएगी उनकी वीडियोग्राफी भी की जाएगी। अनुमान है कि इस वर्ष प्रदेश में लगभग 16 हजार प्रतिमाएं स्थापित होंगी।
पुलिस मुख्यालय का सख्त निर्देश
पुलिस मुख्यालय ने सभी थानों को सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने का सख्त निर्देश दिया है। किसी भी थाना क्षेत्र में गड़बड़ी या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित पदाधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पंडालों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे, ताकि सुरक्षा पर हर पल नजर रखी जा सके।
भीड़भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा
पूजा के दौरान लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन और पंडालों की सैर के लिए निकलते हैं। इस दौरान छिनतई, छेड़खानी और लूटपाट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने संवेदनशील मार्गों की पहचान कर वहां अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती का निर्णय लिया है।
सीमा क्षेत्रों पर चौकसी
नेपाल से सटे बिहार के सीमावर्ती इलाकों में भी चौकसी बढ़ा दी गई है। करीब 127 थानों को गश्ती तेज करने और सघन चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, पड़ोसी राज्यों से लगती सीमाओं पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है।
सोशल मीडिया और कंट्रोल रूम अलर्ट
सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखी जाएगी। इंटरनेट मीडिया यूनिट और राज्य मुख्यालय का सोशल मीडिया कमांड सेंटर पूरी तरह मुस्तैद रहेगा। पूजा ऑफर के नाम पर ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए आम लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है। इसके अलावा, पुलिस मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे सक्रिय कर दिया गया है और जिलों से लगातार रिपोर्ट मांगी जा रही है।
धार्मिक स्थलों पर विशेष तैनाती
विसर्जन जुलूस के दौरान दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थलों के पास प्रशासन की विशेष निगरानी रहेगी। वहां मजिस्ट्रेट की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
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