सहरसा। सहरसा इंजीनियरिंग कॉलेज में पिछले कई दिनों से छात्रों और कॉलेज प्रशासन के बीच जारी विवाद को लेकर शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) सहरसा इकाई ने कॉलेज पहुंचकर दोनों पक्षों से बातचीत की और पूरे प्रकरण की विस्तृत जानकारी ली।
अभाविप उत्तर बिहार प्रांत के प्रांत सह मंत्री मनीष चौपाल ने बताया कि उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य से छात्रों की प्रमुख शिकायतों पर चर्चा की। छात्रों ने बताया कि मेस में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब है, कई बार खाने में कीड़े पाए गए हैं। साथ ही, कॉलेज की कैंटीन लंबे समय से बंद है और स्पोर्ट्स विभाग की जगह पर कैंटीन का सामान रखे जाने से खेल गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं।
प्राचार्य ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मेस पूरी स्वच्छता के साथ संचालित हो रहा है। हालांकि, छात्रों ने इसके प्रमाण प्रस्तुत करते हुए आरोप लगाया कि प्राचार्य तानाशाही रवैया अपनाते हुए कई बार छात्रों का भोजन बंद करवा देते हैं, जिससे प्रशासन और छात्रों के बीच अविश्वास गहराता जा रहा है।
कैंटीन के मामले में प्राचार्य ने बताया कि यह उच्च न्यायालय के आदेश पर पूर्व विवाद के कारण बंद रखी गई है और न्यायालय के निर्देश आने तक नहीं खोली जा सकती। इस पर अभाविप पदाधिकारियों ने मांग की कि छात्रों की सुविधा के लिए कॉलेज परिसर में अस्थायी रूप से कैंटीन शुरू की जाए।
अभाविप सहरसा के पूर्व जिला सह-संयोजक कृष्णकांत गुप्ता ने कहा कि कॉलेज प्रशासन बिना उचित जांच के छात्रों पर मनमाना और असंगत जुर्माना लगा रहा है। उन्होंने बताया कि 5 नवंबर 2025 को योग सत्र के दौरान मात्र 2-3 छात्रों की गलती पर पूरे 2025 बैच के हर छात्र पर ₹1000 का जुर्माना लगाया गया, जिसमें अनुपस्थित छात्र भी शामिल थे। छात्रों ने इसे अन्यायपूर्ण और अवैध उगाही बताया।
वहीं, नगर मंत्री अंशु कुमार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गर्ल्स हॉस्टल में निजता का हनन किया जा रहा है। उनके अनुसार, हॉस्टल के कई हिस्सों में ऐसे सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो सीधे बाथरूम की ओर मुख किए हुए हैं। प्राचार्य द्वारा कैमरे हटाने का आश्वासन देने के बावजूद अब तक उन्हें नहीं हटाया गया है, जिससे छात्राओं में भय और असुरक्षा की भावना है।
अभाविप पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि परिषद हमेशा छात्रों के साथ खड़ी है और कॉलेज प्रशासन द्वारा हो रहे अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तय समय सीमा के भीतर सभी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो कॉलेज में अनिश्चितकालीन हड़ताल (कालीन बंद) किया जाएगा।
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