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चंद्रा टाइम्स

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Saharsa News : सहरसा में कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में हुई अमानवीय घटना के विरोध में हुआ विरोध प्रदर्शन



सहरसा से गौतम कुमार की रिपोर्ट : 20 अगस्त 2024 को सहरसा के कला भवन में विभिन्न सामाजिक संगठनों के युवाओं और समाजसेवियों ने कोलकाता स्थित आर जी कर मेडिकल कॉलेज में हुई अमानवीय घटना और हत्या के खिलाफ एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया है और इसके खिलाफ सहरसा में भी गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया।

प्रदर्शन का आयोजन कला भवन में किया गया, जहां शहर भर से युवाओं और समाजसेवियों ने एकजुट होकर अपनी संवेदनाएं और विरोध दर्ज किया। सभी ने इस अमानवीय घटना की कड़ी निंदा की और चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे असामाजिक व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई।

प्रदर्शन की शुरुआत 2 मिनट के मौन से की गई, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने मृतक पुण्यात्मा स्व. डॉ. मोमिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौन धारण के दौरान, उपस्थित लोग शोक और संवेदना के साथ चुपचाप खड़े रहे, जो इस घटना के प्रति उनकी गहरी संवेदनाओं को दर्शाता है।

इसके बाद, सभा ने केंडिल मार्च निकाला, जो बाबू वीर कुंवर सिंह चौक, थाना चौक होते हुए शंकर चौक तक पहुंचा। इस मार्च में भाग लेने वाले लोगों ने हाथ में जलती हुई मोमबत्तियां लेकर शांति और सम्मान का प्रतीक प्रस्तुत किया। शंकर चौक पर पहुंचने के बाद, सभी ने पुनः मृतक के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। केंडिल मार्च में मुख्य रूप से रूही सिंह, रेस्मा शर्मा , रत्न मिश्रा, बउवा झा, सुमित सिंह ,हनी चौधरी, पीयूष हंटर, अंकित आनंद, आशीष मिश्रा, मो० अफजल खान, मोनू सिंह, गौतम राय , सौरभ सिंह, सनी सिंह, मृणाल सिंह, राहुल रेमो, असलम, अंकू चौहान, शिवम राज, प्रिंस सिंह, प्रांजल ठाकुर, गब्बर, प्रखर राज शामिल रहे। 

इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र में हो रही अमानवीय घटनाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाना और समाज को इस गंभीर समस्या के प्रति संवेदनशील बनाना था। प्रदर्शनकारियों ने इस घटना की निंदा करते हुए न्याय की मांग की और यह संदेश दिया कि समाज को ऐसी घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।

सहरसा में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि सामाजिक संगठनों और युवाओं की ओर से ऐसे मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

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