गया : बिहार में चलती ट्रेनों में बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने यात्रियों के बीच खौफ का माहौल बना दिया है। मंगलवार को गया-भागलपुर रूट पर एक और दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब 25 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना किऊल जंक्शन के पास हुई, जहां अपराधियों ने ट्रेन में ही युवक की जान ले ली और फिर चेन पुलिंग कर ट्रेन से फरार हो गए। यह घटना पिछले सात महीनों में इस तरह की दूसरी हत्या है, जब किसी जमीन कारोबारी को चलती ट्रेन में गोली मारकर मारा गया हो।
मृतक की पहचान और हत्या का कारण
मृतक की पहचान तेतरहाट थाना क्षेत्र के महिसोना गांव निवासी धर्मेंद्र साह के रूप में की गई है। वह 25 साल का था और उसके पास जमीन से संबंधित कागजात भी मिले थे, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि उसकी हत्या जमीन विवाद के चलते की गई। किऊल स्टेशन से ट्रेन के खुलने के बाद, अपराधियों ने जनरल बोगी में दाखिल होकर युवक को गोली मार दी। इसके बाद, उन्होंने चेन पुलिंग कर ट्रेन से उतरकर आसानी से फरार हो गए।
घटना का विवरण
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, किऊल स्टेशन से ट्रेन जैसे ही खुली, लगभग 3:40 बजे, चार अपराधियों ने ट्रेन के एक कोच में दाखिल होकर युवक की हत्या कर दी। दो अपराधियों के पास पिस्तौल थे, और उन्हीं से युवक पर फायरिंग की गई। कुछ यात्रियों का कहना था कि युवक के सिर में गोली मारी गई। घटना के बाद, अपराधी आसानी से ट्रेन से बाहर कूद गए और फरार हो गए।
रेलवे सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस को घटना की जानकारी मिली, जिसके बाद किऊल जंक्शन पर पुलिस की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया, और पुलिस ने घटना स्थल से मिले कागजात के आधार पर जांच शुरू की। किऊल रेल डीएसपी जावेद अहमद ने कहा कि पहली नजर में यह हत्या जमीन विवाद से जुड़ी प्रतीत हो रही है, लेकिन पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है।
पूर्वी चंपारण में हत्या की बढ़ती घटनाएं
यह घटना बिहार में पिछले कुछ महीनों से चलती ट्रेनों में हो रही हिंसा की कड़ी का हिस्सा प्रतीत होती है। सात महीने पहले, 25 जून को पटना-गया रूट पर एक और जमीन कारोबारी, जगदीश सिंह उर्फ भोला शर्मा की भी ट्रेन में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह पटना से अपने घर लौट रहे थे, और इस घटना से कुछ दिन पहले उन्होंने अपने बड़े भाई से जान का खतरा होने की शिकायत पुलिस में की थी। यह दोनों घटनाएं जमीन विवादों के चलते घटी हैं, और इस प्रकार की हत्याओं ने बिहार के यात्री वर्ग को असुरक्षित बना दिया है।
रेलवे और पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना के बाद रेलवे सुरक्षा बल और जीआरपी (गृह रक्षा पुलिस) के अधिकारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। हालांकि, घटनास्थल पर पुलिस ने ज्यादा प्रतिक्रिया देने से परहेज किया, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है या नहीं।
समीक्षा और पुलिस की चुनौती
बिहार में बढ़ते अपराधों और विशेष रूप से ट्रेनों में हो रही हत्याओं ने पुलिस और रेलवे प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती उत्पन्न कर दी है। रेलवे पुलिस को सुरक्षा बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि यात्रियों को सुरक्षा का एहसास हो सके। इसके अलावा, जमीन विवाद से जुड़ी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भी पुलिस को बेहतर रणनीति अपनानी होगी, ताकि इन हत्याओं को अंजाम देने वाले अपराधी बचकर न निकल सकें।
निष्कर्ष
बिहार में ट्रेनों में हत्या की घटनाएं न केवल यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो रही हैं, बल्कि यह राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाती हैं। पुलिस और प्रशासन को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और यात्रियों को सुरक्षा की गारंटी मिल सके। बिहार में चलती ट्रेनों में बढ़ते अपराधों को लेकर समाज में चिंता बढ़ती जा रही है, और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है।
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