बिहार की राजनीति में कई नाम ऐसे हैं जिन्होंने वर्षों तक अपने कार्य और सेवा से जनता के बीच अपनी गहरी पहचान बनाई है। दिनेश चंद्र यादव उन्हीं व्यक्तित्वों में से एक हैं, जिनका राजनीतिक जीवन न केवल लंबा रहा है, बल्कि बेहद विविधताओं से भी भरा हुआ है। एक इंजीनियर से लेकर सांसद, विधायक, और मंत्री तक का उनका सफर प्रेरणादायक है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
दिनेश चंद्र यादव का जन्म 1 जुलाई 1951 को बिहार के सहरसा जिले के बनमा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामधारी यादव और माता का नाम सीता देवी था। वे एक साधारण कृषक परिवार से थे, परंतु शिक्षा के प्रति उनकी गहरी रुचि थी। उन्होंने सहरसा के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने सीएम साइंस कॉलेज, मधेपुरा से इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी की।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्होंने कुछ समय तक सामाजिक कार्यकर्ता और बागवानी व्यवसायी के रूप में भी काम किया। लेकिन उनका रुझान राजनीति की ओर था, जहां वे गरीब, पिछड़े और ग्रामीण वर्गों की आवाज़ बनना चाहते थे।
राजनीतिक यात्रा की शुरुआत
दिनेश चंद्र यादव की राजनीति में सक्रिय भागीदारी 1977 में युुवा जनता पार्टी के उपाध्यक्ष के रूप में शुरू हुई। वे 1980 से 1985 तक लोकदल के जिला महासचिव भी रहे। जनता दल की राजनीति में उन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया और सहरसा तथा कोसी प्रमंडल के ग्रामीण इलाकों में गहरी पकड़ बनाई।
उनका पहला बड़ा राजनीतिक मुकाम तब आया जब वे 1990 में बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। उन्होंने सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की और पांच वर्षों तक विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने डिप्टी चीफ व्हिप, पब्लिक अकाउंट्स कमिटी, और वाणिज्यिक कर समिति में भी काम किया।
सांसद के रूप में भूमिका
दिनेश चंद्र यादव को 1996 में पहली बार 11वीं लोकसभा के लिए सहरसा लोकसभा सीट से चुना गया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे अब तक पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं:
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11वीं लोकसभा (1996–98) - सहरसा से
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13वीं लोकसभा (1999–2004) - सहरसा से
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15वीं लोकसभा (2009–2014) - खगड़िया से
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17वीं लोकसभा (2019–2024) - मधेपुरा से
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18वीं लोकसभा (2024–वर्तमान) - मधेपुरा से
सांसद रहते हुए उन्होंने रेलवे, दूरसंचार, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, ग्रामीण विकास, गृह मंत्रालय, और विदेश मामलों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में कार्य किया। उनके काम को संसद और जनता दोनों स्तरों पर सराहा गया।
मंत्री और विधायक के रूप में कार्य
दिनेश चंद्र यादव ने केवल सांसद के रूप में ही नहीं, बल्कि बिहार सरकार में मंत्री और विधायक के रूप में भी काम किया है। वे 2008 में बिहार सरकार के उद्योग मंत्री रहे और उस दौरान राज्य में निवेश और औद्योगिक विकास को गति देने की कोशिश की। इसके अलावा, वे 2015 से 2019 तक विधायक भी रहे और फिर से सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र से लोगों की सेवा की।
सामाजिक सरोकार और विकास की सोच
दिनेश चंद्र यादव को एक विकासवादी नेता माना जाता है। उन्होंने अपने चुनावी क्षेत्रों में:
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ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और पुलों का निर्माण,
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शुद्ध पेयजल,
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स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना,
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कृषि यंत्रों के वितरण,
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बाढ़ राहत कार्यों,
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शिक्षा और बालिका शिक्षा के प्रचार जैसे कार्यों में विशेष योगदान दिया।
उन्होंने संसद में कई बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई। उनका मानना है कि इससे बिहार को केंद्र से अधिक आर्थिक सहायता मिलेगी और बाढ़, सूखा, और गरीबी जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।
व्यक्तिगत जीवन
दिनेश चंद्र यादव की पत्नी का नाम रेणु सिन्हा है, जो सहरसा नगर परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वे स्वयं भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहती हैं। दिनेश यादव के पास कृषि भूमि, शहरी संपत्ति, और कुछ वाहन हैं। उन्होंने अपने चुनावी शपथ पत्र में वैध हथियारों (राइफल और रिवॉल्वर) का उल्लेख भी किया है।
उनकी छवि एक साफ-सुथरे, जमीनी और ईमानदार नेता की रही है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
2024 का चुनाव और वर्तमान स्थिति
2024 के लोकसभा चुनाव में, दिनेश चंद्र यादव ने मधेपुरा सीट से बड़ी जीत दर्ज की। उन्होंने राजद प्रत्याशी चंद्रदीप यादव को 1.74 लाख वोटों से हराया और कुल लगभग 6.4 लाख मत प्राप्त किए। यह उनके राजनीतिक अनुभव और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का प्रतीक है।बिहार की राजनीति में कई नाम ऐसे हैं जिन्होंने वर्षों तक अपने कार्य और सेवा से जनता के बीच अपनी गहरी पहचान बनाई है। दिनेश चंद्र यादव उन्हीं व्यक्तित्वों में से एक हैं, जिनका राजनीतिक जीवन न केवल लंबा रहा है, बल्कि बेहद विविधताओं से भी भरा हुआ है। एक इंजीनियर से लेकर सांसद, विधायक, और मंत्री तक का उनका सफर प्रेरणादायक है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
दिनेश चंद्र यादव का जन्म 1 जुलाई 1951 को बिहार के सहरसा जिले के बनमा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामधारी यादव और माता का नाम सीता देवी था। वे एक साधारण कृषक परिवार से थे, परंतु शिक्षा के प्रति उनकी गहरी रुचि थी। उन्होंने सहरसा के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने सीएम साइंस कॉलेज, मधेपुरा से इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी की।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्होंने कुछ समय तक सामाजिक कार्यकर्ता और बागवानी व्यवसायी के रूप में भी काम किया। लेकिन उनका रुझान राजनीति की ओर था, जहां वे गरीब, पिछड़े और ग्रामीण वर्गों की आवाज़ बनना चाहते थे।
राजनीतिक यात्रा की शुरुआत
दिनेश चंद्र यादव की राजनीति में सक्रिय भागीदारी 1977 में युुवा जनता पार्टी के उपाध्यक्ष के रूप में शुरू हुई। वे 1980 से 1985 तक लोकदल के जिला महासचिव भी रहे। जनता दल की राजनीति में उन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया और सहरसा तथा कोसी प्रमंडल के ग्रामीण इलाकों में गहरी पकड़ बनाई।
उनका पहला बड़ा राजनीतिक मुकाम तब आया जब वे 1990 में बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। उन्होंने सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की और पांच वर्षों तक विधानसभा में सक्रिय भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने डिप्टी चीफ व्हिप, पब्लिक अकाउंट्स कमिटी, और वाणिज्यिक कर समिति में भी काम किया।
सांसद के रूप में भूमिका
दिनेश चंद्र यादव को 1996 में पहली बार 11वीं लोकसभा के लिए सहरसा लोकसभा सीट से चुना गया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे अब तक पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं:
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11वीं लोकसभा (1996–98) - सहरसा से
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13वीं लोकसभा (1999–2004) - सहरसा से
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15वीं लोकसभा (2009–2014) - खगड़िया से
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17वीं लोकसभा (2019–2024) - मधेपुरा से
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18वीं लोकसभा (2024–वर्तमान) - मधेपुरा से
सांसद रहते हुए उन्होंने रेलवे, दूरसंचार, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, ग्रामीण विकास, गृह मंत्रालय, और विदेश मामलों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में कार्य किया। उनके काम को संसद और जनता दोनों स्तरों पर सराहा गया।
मंत्री और विधायक के रूप में कार्य
दिनेश चंद्र यादव ने केवल सांसद के रूप में ही नहीं, बल्कि बिहार सरकार में मंत्री और विधायक के रूप में भी काम किया है। वे 2008 में बिहार सरकार के उद्योग मंत्री रहे और उस दौरान राज्य में निवेश और औद्योगिक विकास को गति देने की कोशिश की। इसके अलावा, वे 2015 से 2019 तक विधायक भी रहे और फिर से सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र से लोगों की सेवा की।
सामाजिक सरोकार और विकास की सोच
दिनेश चंद्र यादव को एक विकासवादी नेता माना जाता है। उन्होंने अपने चुनावी क्षेत्रों में:
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ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और पुलों का निर्माण,
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शुद्ध पेयजल,
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स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना,
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कृषि यंत्रों के वितरण,
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बाढ़ राहत कार्यों,
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शिक्षा और बालिका शिक्षा के प्रचार जैसे कार्यों में विशेष योगदान दिया।
उन्होंने संसद में कई बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई। उनका मानना है कि इससे बिहार को केंद्र से अधिक आर्थिक सहायता मिलेगी और बाढ़, सूखा, और गरीबी जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।
व्यक्तिगत जीवन
दिनेश चंद्र यादव की पत्नी का नाम रेणु सिन्हा है, जो सहरसा नगर परिषद की अध्यक्ष रह चुकी हैं। वे स्वयं भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहती हैं। दिनेश यादव के पास कृषि भूमि, शहरी संपत्ति, और कुछ वाहन हैं। उन्होंने अपने चुनावी शपथ पत्र में वैध हथियारों (राइफल और रिवॉल्वर) का उल्लेख भी किया है।
उनकी छवि एक साफ-सुथरे, जमीनी और ईमानदार नेता की रही है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
2024 का चुनाव और वर्तमान स्थिति
2024 के लोकसभा चुनाव में, दिनेश चंद्र यादव ने मधेपुरा सीट से बड़ी जीत दर्ज की। उन्होंने राजद प्रत्याशी चंद्रदीप यादव को 1.74 लाख वोटों से हराया और कुल लगभग 6.4 लाख मत प्राप्त किए। यह उनके राजनीतिक अनुभव और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का प्रतीक है।
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