हाजीपुर, बिहार: बिहार के हाजीपुर रेलवे स्टेशन से पुलिस ने पांच बच्चों को मानव तस्करी के शिकार होने से बचा लिया और तस्करों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया। यह कार्रवाई पुलिस द्वारा चलाए गए विशेष अभियान "ऑपरेशन आहट" के तहत की गई। इस ऑपरेशन में तीन मानव तस्करों को गिरफ्तार किया गया और सभी बच्चों को सुरक्षित रूप से चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंप दिया गया।
ऑपरेशन आहट: हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर एक और सफल कार्रवाई
वैशाली जिले के हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर तस्करी के लिए ले जाए जा रहे पांच बच्चों को पुलिस ने समय रहते बचा लिया। यह कार्रवाई पुलिस ने सख्त जांच अभियान के तहत की, जिसके लिए उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग बच्चों को लुधियाना की सिलाई फैक्ट्री में काम दिलवाने के बहाने ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही हाजीपुर जंक्शन पर प्लेटफार्म नंबर 2 पर ट्रेन संख्या 12407 की जांच शुरू की गई, जिसके बाद यह खुलासा हुआ कि इन बच्चों को तस्करी के जरिए लुधियाना भेजा जा रहा था।
सतर्क पुलिस कार्रवाई से तस्करी की योजना नाकाम
साकेत कुमार, निरीक्षक प्रभारी ने बताया कि मुखबिर से मिली जानकारी के बाद रेलवे स्टेशन पर विशेष जांच अभियान चलाया गया। ट्रेन के प्लेटफार्म संख्या 2 पर जब गाड़ी की जांच की गई, तो बच्चों के समूह को देखा गया। ये सभी बच्चे डरे-सहमे नजर आ रहे थे और उनसे पूछताछ की गई। बच्चों ने बताया कि वे लुधियाना में सिलाई फैक्ट्री में काम करने के लिए जा रहे हैं और उनका परिवहन मनीष कुमार, गोपाल कुमार और श्याम बाबू कर रहे हैं, जो कि उसी कोच में बैठकर यात्रा कर रहे थे।
बच्चों की निशानदेही पर पुलिस ने तस्करों से पूछताछ की। इन तस्करों ने स्वीकार किया कि वे इन बच्चों को लुधियाना भेजने के लिए लेकर जा रहे थे, जहां इन बच्चों से मजदूरी कराई जाती और उन्हें हर महीने 5,000 से 10,000 रुपये की मजदूरी दी जाती।
तस्करों की गिरफ्तारी और बच्चों की सुरक्षा
पूछताछ के बाद, पुलिस ने इन तस्करों को तत्काल ट्रेन से उतार लिया और उन्हें हिरासत में ले लिया। बच्चों को उनके सुरक्षित भविष्य के लिए ट्रेन से उतारकर हाजीपुर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट लाया गया। वहाँ तस्करों के खिलाफ पूरी कानूनी प्रक्रिया की गई और बच्चों से नाम और पते की जानकारी ली गई। सभी कार्रवाई की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई, ताकि बाद में पूरी प्रक्रिया का रिकॉर्ड रखा जा सके।
इसके बाद, इन तीनों तस्करों को जीआरपी हाजीपुर के हवाले कर दिया गया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन हाजीपुर को सौंप दिया गया, जहां उनका पुनर्वास किया जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी।
पुलिस और सामाजिक संगठनों का सहयोग
इस ऑपरेशन में स्थानीय पुलिस के अलावा, बचपन बचाओ आंदोलन की टीम, स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला संस्थान और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम भी शामिल थी। इन संस्थाओं के सहयोग से इस अभियान को और भी प्रभावी बनाया गया। बचपन बचाओ आंदोलन के एपीओ अनुपम कुमारी और स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला संस्थान के अध्यक्ष सुधीर शुक्ला ने भी इस सफलता पर खुशी जताई और कहा कि बच्चों के खिलाफ होने वाली इस तरह की गतिविधियों को सख्ती से रोका जाएगा।
पुलिस की सराहनीय कार्रवाई
यह कार्रवाई पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर तस्करी के प्रयास को विफल करने के साथ ही पुलिस ने यह साबित किया कि वे मानव तस्करी के खिलाफ अपनी कार्रवाई में पूरी तरह गंभीर हैं। साकेत कुमार ने बताया कि पुलिस और सुरक्षा बलों का प्रयास सिर्फ अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और उनके भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया जा रहा है।
निष्कर्ष
मानव तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान "ऑपरेशन आहट" ने एक बार फिर साबित किया कि बिहार पुलिस इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पांच बच्चों को तस्करी से बचाने और तीन तस्करों की गिरफ्तारी ने यह दिखा दिया कि पुलिस और सामाजिक संस्थाओं के मिलकर किए गए प्रयासों से ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सकती है। बच्चों की सुरक्षा के प्रति पुलिस की यह प्रतिबद्धता और सक्रियता निश्चित रूप से अन्य इलाकों में भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
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