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चंद्रा टाइम्स

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Patna news : रेलवे क्लेम घोटाले में ED का बड़ा ऐक्शन, पटना-नालंदा और बेंगलुरु में छापेमारी


पटना, 22 जनवरी
: बिहार के पटना, नालंदा और कर्नाटका के बेंगलुरु में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रेलवे क्लेम घोटाले को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस सर्च ऑपरेशन के तहत देश के तीन प्रमुख शहरों के कुल पांच लोकेशन्स पर छापे मारे गए। पटना में तीन, नालंदा में एक और बेंगलुरु में एक स्थान पर ईडी के अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं। इस छापेमारी के बाद घोटाले से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सामग्री जब्त किए गए हैं, जिससे मामले की जांच और तेज हो सकती है।

क्या है रेलवे क्लेम घोटाला?

रेलवे क्लेम घोटाला एक बड़ा वित्तीय धोखाधड़ी है, जो रेलवे के मुआवजा वितरण से जुड़ा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, इस घोटाले में रेलवे हादसों में घायलों और मृतकों के नाम पर फर्जी तरीके से मुआवजे का दावा किया गया। घोटाले में शामिल लोग मृतकों और घायलों के नाम पर मुआवजा हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे थे। इस संबंध में रेलवे ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई।  

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घोटाला एक संगठित तरीके से चलाया जा रहा था, जिसमें कई लोगों के नाम पर मुआवजा क्लेम किए गए थे, जबकि असल में वे हादसों के शिकार नहीं हुए थे। जांच में सामने आया कि मुआवजे की राशि को फर्जी कागजात तैयार कर निकालने की साजिश रची जा रही थी, जिससे रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा था।

केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई

इस मामले में ईडी ने अपनी जांच के तहत पटना में तीन स्थानों पर, नालंदा में एक और बेंगलुरु में एक स्थान पर छापेमारी की। इन लोकेशन्स पर छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सामग्री जब्त की, जिनसे मामले की परतें खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई मुआवजा घोटाले में शामिल आरोपियों के खिलाफ की गई है, जिन्होंने रेलवे के क्लेम घोटाले में बड़ी साजिश रच रखी थी।  

ईडी ने इस मामले में कथित आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी की धाराओं में कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि घोटाले के मुख्य आरोपियों तक पहुंचने के लिए जांच जारी है, और जल्द ही और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।

सीबीआई की भी भूमिका

पटना में इस मामले की जांच पहले सीबीआई द्वारा की जा रही थी। सीबीआई ने भी इस मामले में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि रेलवे के अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया था, और जब यह घोटाला सामने आया तो सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी गई थी। सीबीआई की जांच के बाद अब ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय गड़बड़ियों की जांच कर रहा है।

छापेमारी और जब्ती

ईडी के अधिकारियों ने छापेमारी के दौरान कई स्थानों से नकली दस्तावेज, बैंक अकाउंट विवरण, और फर्जी मुआवजा क्लेम से संबंधित कागजात बरामद किए हैं। इसके अलावा, आरोपियों के कुछ बैंक खातों से जुड़े लेन-देन की जानकारी भी प्राप्त हुई है, जिससे इस घोटाले में बड़ी रकम की हेराफेरी का पता चलता है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि फर्जी तरीके से मुआवजे के क्लेम के लिए आरोपियों ने कई बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर किया था, जो अब जांच के दायरे में हैं।

घोटाले के प्रभाव और आगे की कार्रवाई

रेलवे क्लेम घोटाला बिहार में एक बड़ा मामला बन चुका है, जिससे रेलवे विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था। इस घोटाले से जुड़े लोग बड़ी चालाकी से सिस्टम को धोखा दे रहे थे और मुआवजे का पैसा हड़प रहे थे। ईडी की इस कार्रवाई से उम्मीद है कि मामले में शामिल मुख्य आरोपियों तक जल्द ही पहुंचा जा सकेगा।

ईडी की इस कार्रवाई से राज्य और केंद्र सरकार के बीच एक संदेश जाएगा कि भ्रष्टाचार और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि मामले की पूरी जांच के बाद दोषियों को सजा दिलाने के लिए सभी कानूनी कदम उठाए जाएंगे।  

निगरानी जारी है|

ईडी के अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में और भी आरोपी हो सकते हैं, और जांच के दायरे में और भी लोग आ सकते हैं। फिलहाल, ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियां इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं और जल्द ही इस घोटाले के तारों को जोड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

यह कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामलों में भारत सरकार की एजेंसियां अब और अधिक सक्रिय और प्रभावी हो गई हैं।

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