वैशाली :उत्तर बिहार के प्रमुख मार्गों पर जाम ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। महात्मा गांधी सेतु, जेपी सेतु, और गंडक पुल समेत अन्य मार्गों पर भारी जाम की समस्या ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। वाहनों की लंबी कतारें, फंसी हुई एंबुलेंस, और पैदल सफर करते लोग—यह दृश्य उत्तर बिहार में जाम की भयावहता को दर्शाता है।
जाम की वजह और स्थिति
जानकारी के अनुसार, पटना में मेट्रो निर्माण कार्य के चलते यातायात बाधित है। इसका प्रभाव उत्तर बिहार के सभी मुख्य मार्गों पर देखने को मिल रहा है। महात्मा गांधी सेतु और जेपी सेतु के साथ-साथ पुराने और नए गंडक पुल पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
ट्रक चालक महेश कुमार ने बताया, “महात्मा गांधी सेतु पार करने में छह से आठ घंटे तक का समय लग रहा है। छोटी गाड़ियों का भी यही हाल है। गाड़ियां शहर की गलियों से हाईवे तक तो पहुंच जाती हैं, लेकिन एनएच पर पहुंचते ही जाम में फंस जाती हैं।”
जाम की स्थिति इतनी भयावह है कि उत्तर बिहार से पटना आने-जाने वाले लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ रही है।
लोगों की परेशानियां
1. स्कूली बच्चों और एंबुलेंस की मुश्किलें:
जाम में स्कूल बसें और एंबुलेंस बुरी तरह फंसी हुई हैं। स्कूली बच्चे पूरे दिन जाम में फंसे रहे, वहीं मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
2. पैदल सफर मजबूरी बनी:
वाहनों के फंसने के कारण बड़ी संख्या में लोग पैदल चलने को मजबूर हो गए हैं। कई लोगों ने अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए घंटों पैदल यात्रा की।
3. मरीजों की दुश्वारियां:
पटना में इलाज कराने के लिए जाने वाले मरीजों को जाम के कारण भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। कई मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके।
4. नौकरीपेशा और दैनिक यात्रियों की समस्याएं:
पटना और हाजीपुर के बीच रोजाना यात्रा करने वाले नौकरीपेशा लोग और दैनिक यात्री जाम की समस्या से बुरी तरह परेशान हैं।
प्रशासन की कोशिशें और दिक्कतें
हाजीपुर यातायात थाना प्रभारी बृजेश कुमार ने बताया कि पुलिस प्रशासन जाम को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, “हाजीपुर से पटना जाने वाले मार्ग पर जाम अधिक गंभीर है। जबकि पटना से हाजीपुर आने वाले मार्ग पर गाड़ियां धीरे-धीरे चल रही हैं।”
जाम की स्थिति को कम करने के लिए प्रशासन ने महात्मा गांधी सेतु के वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। लेकिन रामाशीष चौक और गंडक पुलों पर भी जाम लगने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है।
ट्रक चालकों की पीड़ा
ट्रक चालकों का कहना है कि जाम के कारण गाड़ियों को पुल पार करने में घंटों लग रहे हैं। एक ट्रक चालक ने बताया, “हम रात में फंस जाते हैं और अगले दिन दोपहर तक भी जाम से बाहर नहीं निकल पाते।”
एक अन्य चालक ने कहा कि लंबा जाम उनके समय और ईंधन दोनों की बर्बादी कर रहा है। इसके साथ ही वे निर्धारित समय पर अपनी डिलीवरी नहीं कर पा रहे हैं, जिससे आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
जाम से निपटने के लिए उठाए गए कदम
पुलिस और यातायात विभाग स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासन ने मेट्रो निर्माण कार्य के दौरान बाधाओं को कम करने और वैकल्पिक मार्गों को सुचारु रूप से चलाने के लिए उपाय करने का आश्वासन दिया है।
सुधार की उम्मीद और लोगों की मांग
जाम से परेशान लोग प्रशासन से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जाम की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन अब यह गंभीर रूप ले चुकी है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मेट्रो निर्माण कार्य के दौरान यातायात की प्रभावी योजना बनाई जाए।
वहीं, कई लोगों का यह भी कहना है कि पुलिस और ट्रैफिक विभाग को जाम से निपटने के लिए और सक्रिय होना चाहिए। इसके साथ ही वैकल्पिक मार्गों को सही तरीके से चालू करने और पुलों पर वाहनों का प्रबंधन करने की भी आवश्यकता है।
निष्कर्ष
उत्तर बिहार में जाम की समस्या ने न केवल लोगों के समय और ऊर्जा की बर्बादी की है, बल्कि यह जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। महात्मा गांधी सेतु और जेपी सेतु जैसे महत्वपूर्ण मार्गों पर जाम से लोगों को राहत दिलाने के लिए प्रशासन को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। फिलहाल, लोगों को स्थिति सामान्य होने का इंतजार करना पड़ रहा है।
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