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चंद्रा टाइम्स

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Bihar news : बिहार में PDS दुकानदारों का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का निकाला अर्थी जुलूस, जानें वजह

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन वितरण प्रणाली (PDS) के दुकानदारों ने अपनी सात सूत्री लंबित मांगों को लेकर एक जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। विरोध का यह स्वरूप इतना आक्रोशित था कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रतीकात्मक अर्थी जुलूस निकालकर, सिकंदरपुर मुक्तिधाम में उनका दाह संस्कार भी किया। यह विरोध प्रदर्शन खुदीराम बोस स्मारक स्थल से शुरू होकर करबला और कंपनीबाग होते हुए समाहरणालय परिसर तक पहुंचा, और फिर यह सिकंदरपुर मुक्तिधाम में समाप्त हुआ।

इस दौरान विरोध करने वाले दुकानदारों ने ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुर्दाबाद’ के नारे लगाए, साथ ही सरकार की ‘असंवेदनशीलता’ और ‘तानाशाही रवैये’ की आलोचना की। प्रदर्शनकारियों ने साफ तौर पर कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती और अनशन पर बैठे दुकानदारों से बातचीत नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

16 दिन से अनशन पर बैठे हैं PDS दुकानदार

मुजफ्फरपुर में PDS दुकानदारों के विरोध का मुख्य कारण उनकी लंबित मांगों को लेकर हो रहे आंदोलनों की असफलता है। पटना में 20 जनवरी 2025 से अम्बिका यादव, जो कि PDS दुकानदारों के प्रतिनिधि हैं, अनशन पर बैठे हैं। आज 16 दिन बीत चुके हैं, लेकिन न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और न ही आपूर्ति विभाग ने इस पर कोई सकारात्मक पहल की है। इसे लेकर दुकानदारों ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने और सत्ता के नशे में चूर रहने का आरोप लगाया।

फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के मुजफ्फरपुर इकाई के सदस्य इस बात पर जोर देते हुए कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जमीर मर चुका है, इसलिए प्रतीकात्मक रूप से उनका दाह संस्कार किया गया ताकि उनका जमीर फिर से जाग सके। आंदोलनकारियों ने सरकार से यह भी उम्मीद जताई कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो उनका आंदोलन और भी उग्र हो सकता है।

आंदोलन और उग्र करने की चेतावनी

विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे देवन रजक ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती और अनशन पर बैठे अम्बिका यादव से बातचीत नहीं होती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती है, तो उन्हें उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जो और बड़े स्तर पर होगा।

PDS दुकानदारों की प्रमुख मांगें

  1. सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार: दुकानदारों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में सुधार की मांग की है, ताकि दुकानदारों को समय पर उनका बकाया भुगतान मिले और यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से चले।

  2. न्यूनतम मासिक वेतन: सभी PDS दुकानदारों को न्यूनतम मासिक वेतन दिया जाए, जिससे उनके परिवार की आजीविका सुरक्षित रहे।

  3. अनाज की ढुलाई के लिए बेहतर व्यवस्था: अनाज की ढुलाई के लिए बेहतर और सुलभ व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि दुकानदारों को अनाज के वितरण में कोई समस्या न हो।

  4. भ्रष्टाचार से मुक्ति: डीलरों को खाद्यान्न का उचित वितरण मिले और इसमें भ्रष्टाचार की कोई भी संभावना न हो।

  5. मनमाने जुर्माने का खात्मा: दुकानदारों पर लगाए जाने वाले मनमाने जुर्माने को खत्म किया जाए, जो उनकी रोजी-रोटी पर प्रतिकूल असर डालते हैं।

  6. सरकार से वार्ता: सरकार से अनुरोध किया गया है कि अनशन पर बैठे प्रतिनिधियों से वार्ता की जाए और उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।

  7. सरकारी कर्मचारी का दर्जा: PDS दुकानदारों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, ताकि उनके अधिकार सुरक्षित रहें और वे सम्मानजनक तरीके से काम कर सकें।

प्रदर्शन से मची हलचल, पुलिस रही सतर्क

मुख्यमंत्री के प्रतीकात्मक अर्थी जुलूस और दाह संस्कार जैसे विरोध प्रदर्शन के कारण प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि पूरे मार्च के दौरान पुलिस की सतर्कता बनी रही और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बल तैनात किए गए थे। प्रशासन ने पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया था, ताकि प्रदर्शन हिंसक रूप न ले सके।

यह विरोध प्रदर्शन न केवल PDS दुकानदारों की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब सरकार लंबे समय तक लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती, तो ऐसी स्थिति में आम लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाते हैं। फिलहाल, यह आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है और प्रदर्शनकारी सरकार से अपनी मांगों के जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।

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