सहरसा। शहर में प्रस्तावित बंगाली बाजार रेल ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर जिला प्रशासन की सख्ती ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले एक माह से सरकारी जमीन की मापी और चिह्न लगाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसी बीच नगर निगम की माइकिंग और प्रशासनिक सख्ती के बाद डीबी रोड के दुकानदार खुद ही अपना अतिक्रमण हटाने लगे हैं।
बीते तीन दिनों से डीबी रोड का दृश्य बदला-बदला नजर आ रहा है। जहाँ पहले सड़क तंग और भीड़भाड़ वाली दिखती थी, वहीं अब दुकानदारों द्वारा स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाए जाने से सड़क चौड़ी और खुली दिखाई देने लगी है।
जिला प्रशासन ने 24 अगस्त तक लोगों को खुद अतिक्रमण हटाने का समय दिया था। इसके बाद 25 अगस्त से मजिस्ट्रेट की तैनाती कर अभियान चलाने की तैयारी की गई। हालांकि फोर्स की अनुपलब्धता के कारण यह अभियान मंगलवार तक टाल दिया गया। नगर आयुक्त प्रभात कुमार झा ने बताया कि फोर्स सुपौल भेजे जाने के कारण पिछले सोमवार से अभियान शुरू नहीं हो पाया। अब बुधवार से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज होगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने अब तक अतिक्रमण नहीं हटाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और हटाने में आने वाला खर्च उनसे वसूला जाएगा।
इस बीच मंगलवार को भी कई अतिक्रमणकारियों ने खुद से दुकान के आगे बनी दीवारें और शेड हटाए। लोग ओवरब्रिज निर्माण को लेकर उत्साहित जरूर हैं, लेकिन आशंका भी जताई जा रही है कि कहीं यह योजना भी पिछली बार की तरह अधूरी न रह जाए।
धर्मशाला रोड और पूरब बाजार जैसे इलाकों में अब भी कई अतिक्रमण यथावत हैं। प्रशासन द्वारा मापी और चिह्नित करने के बावजूद लोग जगह खाली नहीं कर रहे हैं, जबकि अधिकांश को नोटिस थमाया जा चुका है।
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