पंकज कुमार ने घटना की पुष्टि करने के लिए अपने मित्र के नाम से दोबारा ऑर्डर किया। डिलीवरी ब्वाय जब सामान लेकर पहुँचा, तो छात्रों ने उसके सामने ही पैकेट खोला। इस बार भी पार्सल में कपड़े की जगह रद्दी कागज ही भरा हुआ था।
मामला खुलने के बाद आक्रोशित छात्रों ने डिलीवरी ब्वाय को बंधक बना लिया और पहले दिये गए रुपये वापस करने की मांग की। स्थिति बिगड़ते देख डिलीवरी ब्वाय ने अपने कार्यालय में फोन किया। कुछ देर बाद कुरियर कंपनी के अन्य कर्मचारी मौके पर पहुँचे और स्थिति को संभालते हुए छात्रों को रुपये वापस कर दिए।
इस घटना पर कुरियर कंपनी के प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी कंपनी केवल ऑनलाइन कंपनियों से आए सामान को ग्राहक तक पहुँचाने का काम करती है। इस तरह की ठगी में कुरियर कंपनी की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने लोगों को आगाह किया कि आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से कई फर्जी वेबसाइट और लिंक सक्रिय हैं, जो सस्ते दाम पर आकर्षक सामान दिखाकर ग्राहकों को जाल में फँसा रही हैं।
उन्होंने सलाह दी कि किसी भी तरह की ऑनलाइन खरीदारी करने से पहले कंपनी की प्रामाणिकता की जांच जरूर करें और केवल भरोसेमंद व आधिकारिक वेबसाइट से ही सामान मंगाएँ।
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