बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के आह्वान पर शुक्रवार को सहरसा में कार्यरत सभी विभागों के कार्यपालक सहायकों ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में केंडल मार्च निकाला। संघ ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें शीघ्र पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
जुलूस के दौरान वक्ताओं ने कहा कि बिहार सरकार ने विभिन्न विभागों में संविदा और दैनिक भोगी कर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा और वेतनमान दिया है, लेकिन कार्यपालक सहायकों को अभी तक इससे वंचित रखा गया है। उनकी प्रमुख मांग है कि कार्यपालक सहायकों का सेवा संवर्ग गठित कर उन्हें स्थायी किया जाए तथा राज्यकर्मी का दर्जा और सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप लेवल-4 से लेवल-6 तक का वेतनमान प्रदान किया जाए।
संघ की अन्य मांगों में शामिल हैं कि कार्यपालक सहायकों की शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक से बढ़ाकर इंटरमीडिएट की जाए, सभी सहायकों को नियुक्ति की तिथि से ईपीएफ का लाभ मिले, हटाए गए सहायकों का समायोजन सामान्य प्रशासन विभाग, पटना के 22 जनवरी 2021 के संकल्प के आलोक में किया जाए, आकस्मिक निधन की स्थिति में 40 लाख रुपये का उपादान मिले और हड़ताल अवधि को देय अवकाश में समायोजित कर मानदेय भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
इसके साथ ही सभी सहायकों को चिकित्सीय लाभों से आच्छादित करने, सेवाकाल में मृत्यु के बाद 36 माह का एकमुश्त वेतन/मानदेय देने, मृत सहायकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने तथा अभ्यावेदन के आलोक में गृह जिला स्थानांतरण की सुविधा उपलब्ध कराने की भी मांग रखी गई।
नेताओं ने कहा कि सेवा के दौरान कई सहायकों की अकाल मृत्यु बीमारी, दुर्घटना और आपराधिक वारदात में हो चुकी है, लेकिन उनके परिजन आज भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि मानवता और न्याय के आधार पर इन मांगों को जल्द मान लिया जाए।
इस मौके पर संघ के अध्यक्ष कुंदन कुमार, सचिव संजीव कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष प्रतिक कर्ण, उपाध्यक्ष पिंटू कुमार, अजीत कुमार वर्मा, संजीत कुमार, आयुष कुमार, विश्वजीत कश्यप, रूबी कुमारी, रूपा कुमारी, डोली कुमारी, अदिति कुमारी, रोशन मलिक, अजय कुमार, रूपम कुमारी, मधु कुमारी, सुदर्शन कुमार, चेतन कुमार, रोहन कुमार, अमित कुमार झा, रघुनाथ कुमार, हरिमोहन झा, दिनकर कुमार, मोहम्मद इमामुद्दीन, अरविंद कुमार, बबलू कुमार समेत अन्य सभी विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायक उपस्थित थे।
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