
केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस के मौके पर 2025 के पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इस बार बिहार की तीन प्रमुख हस्तियों को मरणोपरांत पद्म सम्मान से नवाजा गया है। बिहार कोकिला के नाम से मशहूर लोक गायिका स्व. शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. सुशील कुमार मोदी को पद्म भूषण और पटना महावीर मंदिर न्यास के पूर्व सचिव स्व. आचार्य किशोर कुणाल को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
बिहार की सांस्कृतिक धरोहर शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण
लोक गायिकी में अपनी पहचान बना चुकी स्व. शारदा सिन्हा को कला और संगीत के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। छठ महापर्व के गीतों में उनकी आवाज़ बिहार के हर घर में गूंजती है।
शारदा सिन्हा का 5 नवंबर 2024 को छठ पर्व के दिन ही निधन हो गया था। वह लंबे समय से बीमार थीं और नई दिल्ली के एम्स में उनका इलाज चल रहा था। उनकी लोक गायिकी न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में विख्यात रही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण से सम्मानित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे बिहार की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान बताया।
सुशील मोदी को लोकसेवा में योगदान के लिए पद्म भूषण
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद स्व. सुशील कुमार मोदी को उनके लोकसेवा और राजनीतिक जीवन के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। सुशील मोदी ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा भारतीय जनता पार्टी और बिहार की जनता के लिए समर्पित किया।
सुशील मोदी का निधन 13 मई 2024 को कैंसर के कारण दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी बीमारी की जानकारी अप्रैल 2024 में सोशल मीडिया पर साझा की थी। अपने अंतिम संदेश में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की थी।
आचार्य किशोर कुणाल को सिविल सेवा में योगदान के लिए पद्मश्री
पटना महावीर मंदिर न्यास के पूर्व सचिव और बिहार के धार्मिक और सामाजिक कार्यों में अमूल्य योगदान देने वाले स्व. आचार्य किशोर कुणाल को सिविल सेवा के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
किशोर कुणाल का 29 दिसंबर 2024 को हृदयाघात से निधन हो गया था। वे न केवल एक पूर्व आईपीएस अधिकारी थे, बल्कि धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने बिहार में कई जनसेवी कार्य किए।
अन्य पद्मश्री सम्मानित बिहारवासी
बिहार से इस बार सामाजिक, चिकित्सा, कला और अध्यात्म के क्षेत्रों में योगदान देने वाले चार अन्य लोगों को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
- भीम सिंह भवेश: समाज सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए।
- डॉ. हेमंत कुमार: चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए।
- निर्मला देवी: कला के क्षेत्र में उनकी अमूल्य भागीदारी के लिए।
- विजय नित्यानंद सुरीश्वर जी महाराज: अध्यात्म के क्षेत्र में उनके कार्यों के लिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जताई खुशी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन सम्मानित व्यक्तियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह बिहार के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा, “बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। इन विभूतियों को सम्मानित करके केंद्र सरकार ने राज्य के योगदान को मान्यता दी है।” मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।
"मां ब्लड सेंटर" में श्रद्धांजलि सभा
बिहार की इन तीन प्रमुख हस्तियों – शारदा सिन्हा, सुशील मोदी और आचार्य किशोर कुणाल – के सम्मान में पटना के मां ब्लड सेंटर में एक विशेष श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। यहां मौजूद लोगों ने उनके योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया।
पद्म पुरस्कारों की घोषणा का महत्व
पद्म पुरस्कार न केवल व्यक्तिगत योगदान का सम्मान करते हैं, बल्कि पूरे समाज को प्रेरणा देते हैं। शारदा सिन्हा, सुशील मोदी और किशोर कुणाल की उपलब्धियां यह दर्शाती हैं कि कैसे व्यक्ति अपनी मेहनत और समर्पण से समाज को नई दिशा दे सकते हैं। बिहार के इन तीन महान विभूतियों को मरणोपरांत दिए गए सम्मान से यह संदेश मिलता है कि उनकी सेवाएं कभी भुलाई नहीं जाएंगी।
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