पूर्णिया, बिहार: बिहार के पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक और मामला सामने आया है, जिसमें एमबीबीएस सेकेंड ईयर के छात्रों और इंटर्नशिप छात्रों के बीच झड़प हो गई। इस घटना में कुछ छात्र घायल हो गए हैं। यह झड़प हॉस्टल में अत्यधिक छात्रों की संख्या को लेकर हुई, जब एमबीबीएस सेकेंड ईयर के छात्रों को इंटर्नशिप छात्रों के छात्रावास में रखा गया था। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ, लेकिन कॉलेज परिसर में तनाव का माहौल बना रहा।
झड़प की वजह: छात्रावास का विवाद
घटना की शुरुआत पूर्णिया मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से हुई। एमबीबीएस सेकेंड ईयर के छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने हॉस्टल में अत्यधिक छात्रों की संख्या होने के कारण उन्हें इंटर्नशिप छात्रों के छात्रावास में ठहराया। इसके बाद दोनों गुटों के बीच झगड़ा हुआ। बुधवार रात जब इंटर्नशिप और एमबीबीएस सेकेंड ईयर छात्रों के बीच किसी बात को लेकर बहस बढ़ी, तो यह मामला हाथापाई तक पहुंच गया।
पुलिस की कार्रवाई और स्थिति की सामान्यीकरण
झड़प की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया। घटना स्थल पर सदर एसडीओपी पंकज कुमार शर्मा के नेतृत्व में तीन थानों की पुलिस और भारी पुलिस बल पहुंच गए। एसडीओपी शर्मा ने दोनों गुटों से पांच-पांच छात्रों को बुलाकर मामले की सुनवाई की और दोनों पक्षों को समझाकर स्थिति को शांत कराया। हालांकि, घटनास्थल पर पहुंचने के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने इस मामले को गम्भीरता से लिया और कार्रवाई की योजना बनाई।
प्रिंसिपल से शिकायत और फिर माफी की मांग
घटना के बाद एमबीबीएस सेकेंड ईयर के छात्र कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन प्रिंसिपल के अनुपस्थित होने के कारण वे वापस लौट गए। इस दौरान एक छात्रा ने इंटर्नशिप छात्र से माफी मांगने को कहा था, ताकि मामला शांत हो जाए। हालांकि, इंटर्नशिप छात्र ने अपनी बात अन्य छात्रों को बताई, जिसके बाद इंटर्नशिप छात्रों का गुट इकट्ठा हुआ और दोनों पक्षों में फिर से झड़प हो गई। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कॉलेज परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया।
कॉलेज प्रशासन और छात्रों का रिएक्शन
कॉलेज के उपाधीक्षक डॉक्टर भारत कुमार ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह विवाद केवल दो छात्रों से जुड़ा था और मामले की जांच कॉलेज के प्रिंसिपल के अधीन है। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही वे घटनास्थल पर पहुंचे और मामले को शांत कराया।
वहीं, कॉलेज के छात्रों ने इस घटना की निंदा की और कहा कि रैगिंग के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कॉलेज प्रशासन से मांग की कि इस घटना के दोषी छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। छात्रों का कहना था कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के माहौल को बनाये रखना चाहिए, न कि इस तरह के असामान्य घटनाओं से माहौल खराब होने देना चाहिए।
मेडिकल कॉलेज में रैगिंग पर सख्त रुख
पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में यह घटना रैगिंग की गंभीर समस्या को उजागर करती है, जो अक्सर मेडिकल कॉलेजों में देखने को मिलती है। छात्र संगठन और अन्य छात्र संगठन इस मुद्दे पर आवाज उठाते रहते हैं। रैगिंग की समस्या को लेकर कई बार कॉलेज प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए हैं, लेकिन फिर भी ऐसे मामले सामने आना चिंता का विषय है। इस घटना के बाद कॉलेज प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार की रैगिंग के खिलाफ आवाज उठाएं। कॉलेज में छात्रों के बीच स्वस्थ्य और सकारात्मक माहौल को बनाए रखने के लिए प्रशासन और छात्रों दोनों को मिलकर काम करना होगा।
निष्कर्ष
पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में हुई इस रैगिंग की घटना ने एक बार फिर से छात्रों के बीच आपसी संघर्ष को जन्म दिया है। कॉलेज प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों और छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। छात्रों ने इस घटना की निंदा की है और दोषी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अगर रैगिंग पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, तो ऐसे मामलों को कम किया जा सकता है और मेडिकल कॉलेजों में अध्ययन का माहौल सही बन सकता है।
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