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चंद्रा टाइम्स

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Aurangabad news : बिहार: दहेज के लिए विवाहिता की हत्या, शव जलाने का आरोप – पति समेत दो गिरफ्तार

औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद जिले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक विवाहिता की हत्या कर रात के अंधेरे में उसका शव जला दिया गया। आरोप है कि ससुरालवालों ने दहेज के लिए विवाहिता की बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। सबूत मिटाने के लिए शव को जला दिया गया। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतका के पति और चाचा को गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है पूरा मामला?

घटना हसपुरा थाना क्षेत्र के पुरहारा पंचायत के रघुनाथपुर गांव की बताई जा रही है। मृतका 22 वर्षीय रिंती कुमारी थी, जिसकी शादी गांव के ही सुब्बालाल पासवान से हुई थी।

मृतका के पिता प्रसिद्ध पासवान ने अरवल थाना में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पति सुब्बालाल पासवान, ससुर सुरेश पासवान, पति के चाचा भोला पासवान सहित छह लोगों के खिलाफ दहेज के लिए हत्या करने और फिर सबूत मिटाने के लिए शव जलाने का आरोप लगाया है।

पिता ने लगाया गंभीर आरोप

प्रसिद्ध पासवान के अनुसार, रिंती की शादी के बाद से ही ससुरालवालों की ओर से दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। बार-बार अतिरिक्त दहेज की मांग की जाती थी, लेकिन जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने रिंती को मार डाला। हत्या के बाद शव को रात में ही जला दिया गया, ताकि कोई सबूत न बचे।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही हसपुरा थाना अध्यक्ष नरोत्तम ने मामले में त्वरित कार्रवाई की। पुलिस ने पति सुब्बालाल पासवान और उसके चाचा भोला पासवान को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

गांव में फैला आक्रोश

इस घटना के बाद इलाके में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि दहेज के नाम पर आए दिन बहुओं को प्रताड़ित किया जाता है और उनकी हत्या कर दी जाती है। उन्होंने पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

महिला सुरक्षा को लेकर सवाल

यह मामला बिहार में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करता है। बिहार में दहेज उत्पीड़न और हत्या के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस तरह की घटनाओं से समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

क्या कहता है कानून?

भारतीय दंड संहिता की धारा 304B (दहेज हत्या) के तहत यदि विवाह के सात साल के भीतर किसी महिला की अस्वाभाविक मृत्यु होती है और उसके साथ दहेज के लिए उत्पीड़न हुआ हो, तो ससुराल पक्ष पर दहेज हत्या का मामला दर्ज किया जाता है। दोषी पाए जाने पर कम से कम सात साल की सजा से लेकर उम्रकैद तक का प्रावधान है।

परिवार को न्याय दिलाने की मांग

मृतका के परिवार ने प्रशासन से दोषियों को सख्त सजा दिलाने और इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। पुलिस भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

निष्कर्ष

इस घटना ने एक बार फिर से समाज में दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन को ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी, ताकि कोई भी लड़की दहेज के नाम पर अपनी जान न गंवाए।

आपका क्या कहना है? क्या सरकार को दहेज प्रथा खत्म करने के लिए और सख्त कानून लाने चाहिए? अपनी राय कमेंट में दें

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