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चंद्रा टाइम्स

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Saharsa News : 1001 दीपों की रोशनी में सेना के शौर्य को सहरसा ने किया नमन



सहरसा, 16 मई 2025: देश की रक्षा में सदैव तत्पर भारतीय सेना के सम्मान में सहरसा में एक ऐतिहासिक पहल देखने को मिली। शुक्रवार की संध्या महावीर मंदिर परिसर दीपों की रोशनी से जगमगा उठा, जब सर्व समाज सहरसा के तत्वावधान में आयोजित "1001 दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम" के माध्यम से भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य, त्याग और बलिदान को ससम्मान याद किया गया।

इस आयोजन का उद्देश्य न केवल सेना को श्रद्धांजलि अर्पित करना था, बल्कि समाज में देशभक्ति और एकजुटता की भावना को भी जागृत करना था। संध्या 6 बजे जैसे ही पहले दीप की लौ जली, पूरे मंदिर परिसर में श्रद्धा और गर्व का भाव फैल गया। धीरे-धीरे दीपों की संख्या बढ़ती गई और अंततः 1001 दीपों की अद्भुत श्रृंखला ने महावीर मंदिर को स्वर्णिम प्रकाश से नहला दिया।

हर उम्र के लोगों ने लिया उत्साहपूर्वक भाग

इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें समाज के सभी वर्गों और उम्र के लोगों ने उत्साह से भाग लिया। बच्चों ने हाथों में तिरंगा लेकर दीप जलाए, महिलाएं पारंपरिक परिधान में देशभक्ति के गीतों पर थिरकती दिखीं, और बुजुर्गों ने सेना के साथ अपने भावनात्मक जुड़ाव को साझा किया। यह दृश्य किसी उत्सव से कम नहीं था, परंतु उसमें गर्व, आभार और कृतज्ञता की भावना मुख्य थी।

सेना के जवानों को समर्पित गीतों और भाषणों ने भावविभोर किया

कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति गीतों का आयोजन भी किया गया। “सारे जहाँ से अच्छा”, “ए मेरे वतन के लोगों” जैसे गीतों ने माहौल को और भी भावुक कर दिया। वक्ताओं ने सेना के साहस और बलिदान की कहानियाँ सुनाईं, जिससे उपस्थित जनसमूह की आँखें नम हो गईं।

सर्व समाज, सहरसा के प्रतिनिधियों ने बताया कि यह आयोजन केवल दीप जलाने का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक सामूहिक संकल्प था — सेना के प्रति सम्मान जताने और नई पीढ़ी में देशभक्ति की अलख जगाने का।

समाज को जोड़ने वाली प्रेरणादायक पहल

इस कार्यक्रम ने न केवल भारतीय सेना को सम्मानित किया, बल्कि समाज को एक मंच पर लाकर यह संदेश भी दिया कि जब बात राष्ट्र की होती है, तो जाति, धर्म, भाषा या वर्ग का भेद मिट जाता है। दीप प्रज्ज्वलन एक प्रतीक था उस एकता का, जो देश को मजबूती प्रदान करता है।

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