आज दिनांक 14 मई 2025, दिन बुधवार को सहरसा जिला अंतर्गत नगर निगम क्षेत्र के नयाबाजार स्थित काली मंदिर प्रांगण में एक प्रेरणादायी आयोजन किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सहरसा के नगर कार्यवाह श्रवण कुमार के प्रथम सुपुत्र के प्रथम जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें वृक्षारोपण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और सनातन संस्कृति के संवर्धन का संदेश दिया गया।
इस विशेष अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सहरसा के तत्वावधान में भारती मंडश संयुक्त विद्यार्थी शाखा, सहरसा परिसर में वृक्षारोपण किया गया। साथ ही साथ समीप स्थित दुखिया महादेव मंदिर (शिव मंदिर) परिसर में भी वृक्षारोपण का आयोजन संपन्न हुआ। यह आयोजन केवल एक पारिवारिक उत्सव नहीं था, बल्कि एक सामाजिक संदेश का माध्यम भी बना, जिसमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का समावेश दिखाई दिया।
कार्यक्रम में संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी, स्वयंसेवकगण, सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिव शिष्य परिवार के गुरु भाई-बहनों ने भाग लिया। प्रमुख रूप से नगर संघचालक रामेश्वर ठाकुर, प्रांत संपर्क प्रमुख विजय, प्रांत सेवा प्रमुख राजाराम, विभाग प्रचारक सुमित, शताब्दी विस्तारक गौरव, जिला सेवा प्रमुख मुरारी, शाखा पालक हरि शेखर मिश्रा, जिला बाल कार्य प्रमुख माधव, एवं जिला मार्ग प्रमुख सुभाष कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त शिव शिष्य परिवार से ललन गुरु भाई, बादल, लव, विशाल, प्रीतम, प्रेम, वंदना, रामू रजक, श्रीकृष्णा रजक, शुभांगी, दिव्या, अंशु, सुहानी, सोनाली, रीना गुरु बहन, योगेन्द्र, दीपक सहित अन्य लोगों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। इस अवसर पर श्रवण कुमार का पूरा परिवार भी कार्यक्रम में सपरिवार उपस्थित रहा और सभी ने मिलकर इस दिन को सेवा, संस्कार और संकल्प से सजाया।
वृक्षारोपण कार्यक्रम केवल पौधे लगाने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक सामूहिक संकल्प था — प्रकृति के संरक्षण का, अगली पीढ़ी को हरित भविष्य देने का और भारतीय संस्कृति में निहित पर्यावरण प्रेम को पुनः जागृत करने का। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि व्यक्तिगत खुशी को सामाजिक भलाई से जोड़ा जाए, तो उसका प्रभाव और भी व्यापक व प्रेरणादायी हो सकता है।
कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थितजनों ने प्रथम सुपुत्र के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और यह संकल्प लिया कि वे समाज व पर्यावरण की सेवा में निरंतर सक्रिय रहेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मूल भाव 'सेवा ही संगठन' को सार्थक करते हुए यह आयोजन निश्चित ही सहरसा और उसके आसपास के समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
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