सहरसा। मोबाइल फोन की चोरी या गुम हो जाना आम जनजीवन में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। ऐसे में यदि खोया हुआ मोबाइल उसके असली मालिक को वापस मिल जाए, तो यह किसी तोहफे से कम नहीं होता। इसी उद्देश्य को लेकर सहरसा पुलिस ने पुलिस मुख्यालय पटना के निर्देश पर "ऑपरेशन मुस्कान" अभियान की शुरुआत की थी। यह पहल अब जिले में भरोसे और संवेदनशीलता की मिसाल बन चुकी है।
शनिवार को इसी अभियान के तहत 42 मोबाइल फोन उनके वास्तविक स्वामियों को लौटाए गए, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 6 लाख रुपये बताई गई। यह वितरण पुलिस केंद्र में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान किया गया, जिसमें कोशी रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार और पुलिस अधीक्षक हिमांशु ने सम्मिलित होकर मोबाइल धारकों को उनके फोन सौंपे।
तकनीक और संवेदनशीलता का अनूठा संगम
अभियान के तहत जिले के सभी थानों और ओपी क्षेत्रों में दर्ज गुमशुदा या चोरी के मामलों की जांच की जा रही है। साइबर सेल की तकनीकी मदद से मोबाइल फोन को ट्रैक कर बरामद किया जाता है और फिर उन्हें असली स्वामियों को विधिवत रूप से सौंपा जाता है। यह पहल न केवल पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाती है, बल्कि आम जनता में विश्वास का एक नया आधार भी बनी है।
ऑपरेशन मुस्कान की चरणबद्ध सफलता
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फेज 1: 16 अगस्त 2023 को शुरुआत हुई। इसमें 70 मोबाइल बरामद कर उनके असली मालिकों को सौंपे गए, जिनकी कुल कीमत लगभग 10 लाख रुपये थी।
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फेज 2: 2 नवंबर 2023 को 42 मोबाइल लौटाए गए, जिसकी अनुमानित कीमत 6 लाख रुपये रही।
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फेज 3: 27 फरवरी 2024 को 40 मोबाइल फोन उनके स्वामियों को दिए गए, कुल कीमत 5 लाख रुपये।
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फेज 4: शनिवार को 42 मोबाइल लौटाए गए, कीमत लगभग 6 लाख रुपये।
अब तक कुल 194 मोबाइल फोन उनके असली मालिकों को सौंपे जा चुके हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 28 लाख रुपये है।
पुलिस के प्रति बढ़ा विश्वास
कोशी क्षेत्र के डीआईजी मनोज कुमार ने इस अवसर पर पुलिस टीम की सराहना करते हुए कहा कि—
“समाज के हर नागरिक की सहायता करना ही पुलिस का असली धर्म है। सहरसा पुलिस इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है।”
पुलिस अधीक्षक हिमांशु ने कहा—
“हमारा प्रयास केवल सुरक्षा देना नहीं, बल्कि लोगों का खोया आत्मविश्वास और सुकून भी लौटाना है। ऑपरेशन मुस्कान इसी दिशा में एक अहम कदम है।”
मौके पर साइबर डीएसपी अजित कुमार समेत कई पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।
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