पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में बड़ा संगठनात्मक बदलाव तय माना जा रहा है। पार्टी के कद्दावर नेता मंगनी लाल मंडल अब आरजेडी के नए प्रदेश अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। वे मौजूदा अध्यक्ष जगदानंद सिंह की जगह लेंगे। सूत्रों के मुताबिक पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उनके नाम पर सहमति दे दी है। आगामी शनिवार (15 जून) को वे प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे और 19 जून को चुनाव के बाद आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा।
संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया जारी
आरजेडी में इन दिनों संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. रामचंद्र पूर्वे की देखरेख में राज्य परिषद की सूची पहले ही प्रकाशित कर दी गई है। 14 जून को नामांकन प्रक्रिया संपन्न होगी और 19 जून को पटना के ज्ञान भवन में प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी तनवीर हसन की अध्यक्षता में प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्यों का चुनाव होगा। उसी दिन परिणाम की घोषणा भी कर दी जाएगी।
क्यों हटाए जा रहे हैं जगदानंद सिंह?
जगदानंद सिंह लंबे समय से आरजेडी के सक्रिय मंचों से दूरी बनाए हुए हैं। वे न तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकों में शामिल हुए और न ही पार्टी कार्यालय में उनकी कोई सक्रियता देखी गई। जगदानंद सिंह राजपूत समुदाय से आते हैं और आरजेडी में सवर्ण चेहरे के रूप में माने जाते रहे हैं, लेकिन बीते कुछ समय से उनकी निष्क्रियता चर्चा का विषय बनी हुई थी।
मंगनी लाल मंडल: अनुभव और जातीय समीकरण का मेल
मंगनी लाल मंडल अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से आते हैं और राजनीतिक अनुभव की लंबी पारी खेल चुके हैं। वे न सिर्फ बिहार सरकार में मंत्री रहे हैं, बल्कि लोकसभा और राज्यसभा में भी आरजेडी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हालांकि बीच में वे नीतीश कुमार की जेडीयू में चले गए थे, लेकिन इस साल की शुरुआत में फिर से आरजेडी में वापसी की। माना जा रहा है कि उनकी नियुक्ति से पार्टी को अति पिछड़ा वर्ग के वोटरों में मजबूती मिलेगी, जो बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
आरजेडी में नई ऊर्जा की उम्मीद
मंगनी लाल मंडल की ताजपोशी को आरजेडी में एक नई शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी नेतृत्व को उम्मीद है कि वे न सिर्फ संगठन को मजबूत करेंगे, बल्कि आने वाले चुनाव में कार्यकर्ताओं को एकजुट कर पार्टी के लिए निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
निष्कर्ष
राजनीतिक गलियारों में इस फेरबदल को 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। जातीय संतुलन साधने और संगठन को मजबूत करने के लिहाज से मंगनी लाल मंडल का नाम एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। अब देखना होगा कि यह बदलाव आरजेडी को आने वाले चुनाव में कितनी मजबूती दिला पाता है।
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