पटोरी बाजार – भारत माला परियोजना के अंतर्गत N-327E सड़क विस्तार कार्य के दौरान प्रभावित स्थानीय निवासियों को अब तक उचित मुआवजा न मिलने के विरोध में, 3 जून 2025 से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्हें बिना मुआवजा दिए बलपूर्वक घर तोड़ने की चेतावनी दी गई है।
स्थानीयों का आरोप:
प्रभावित नागरिकों का कहना है कि अमीन द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। 29 मई को NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के कर्मियों ने माइक से घोषणा कर लोगों से कहा कि वे 1 जून 2025 तक अपने घर स्वयं तोड़ लें, अन्यथा 2 जून को बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी।
इस सूचना से हतप्रभ होकर 30 मई को प्रभावित लोगों ने सहरसा जाकर वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके विरोध में 1 जून को शांति पूर्ण रूप से बाजार बंद कर धरना प्रदर्शन किया गया।
आंदोलन की मुख्य मांगे:
प्रदर्शनकारियों ने अपनी चार प्रमुख मांगें रखी हैं:
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सभी पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए।
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जमीन एवं संरचना का मुआवजा वर्तमान बाजार दर पर दिया जाए।
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मुआवजा मिलने के बाद पुनर्वास हेतु कम से कम छह माह का समय दिया जाए।
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पंचाट के अनुसार सभी पीड़ितों को भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (LPC) निर्गत किया जाए।
आगे की रणनीति:
प्रभावित लोगों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे 3 जून से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। इस आंदोलन की अगुवाई स्थानीय नेता और समाजसेवी कर रहे हैं, और इसमें महिलाओं और बुजुर्गों की भी भागीदारी तय है।
प्रशासन की चुप्पी:
अब तक जिला प्रशासन या NHAI की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लोगों की नाराजगी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, और आंदोलन के तेज होने की आशंका जताई जा रही है।
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