सहरसा : आज सहरसा की सुबह एक नई शुरुआत की गवाह बनी। वर्षों के इंतजार और जीर्णोद्धार कार्यों के बाद आखिरकार संजय गांधी उद्यान को आम जनता के लिए खोल दिया गया। सुबह 6 बजे जैसे ही गेट खोला गया, पार्क में लोगों का तांता लग गया। हर उम्र के लोग, चाहे बच्चे हों, युवा हों या बुजुर्ग – सब एक ही भावना के साथ वहां पहुंचे: सुकून, ताजगी और खुशी।
लोगों के चेहरों पर एक अलग ही चमक थी। बच्चों की खिलखिलाहट, युवाओं की मस्ती और बुजुर्गों की शांत मुस्कान ने पार्क को जीवंत कर दिया। ऐसा लग रहा था मानो शहर ने आज सुबह अपनी खोई हुई रौनक फिर से पा ली हो। जो लोग अब तक शहर से बाहर घूमने की योजना बनाते थे, वे अब अपने ही शहर में हरियाली और खुले वातावरण का आनंद लेने लगे हैं।
पार्क के चारों ओर फैली हरियाली, झूलों पर झूमते बच्चे, ओपन जिम में एक्सरसाइज करते युवा और वॉटर सेल्फी पॉइंट पर तस्वीरें लेते लोग – यह सब देखकर लग रहा था जैसे सहरसा को एक नई सांस मिली हो। पार्क के जीर्णोद्धार का कार्य वर्ष 2022 से चल रहा था और इसकी भव्यता यह साफ दर्शा रही थी कि इसे आधुनिक और उपयोगी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई।
वन विभाग ने पार्क में प्रवेश के लिए मामूली शुल्क निर्धारित किया है – वयस्कों के लिए 10 रुपये और बच्चों के लिए 5 रुपये। सुबह 6 से 8 बजे तक यह टहलने वालों के लिए खुला रहेगा और फिर 10 बजे से शाम 6 बजे तक आम जनता के लिए। हर सोमवार को पार्क बंद रहेगा।
यह पार्क सिर्फ एक मनोरंजन स्थल नहीं है, बल्कि यह शहर की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने का जरिया भी बन सकता है। जहां आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग तनाव और थकान से जूझते हैं, वहीं यह पार्क उन्हें कुछ पल सुकून, शांति और ताजगी देने में सक्षम है।
आज की सुबह सिर्फ एक पार्क के खुलने की खबर नहीं थी, बल्कि यह सहरसा के लोगों की उम्मीदों, खुशियों और सामूहिक उत्साह की तस्वीर थी। जिस तरह लोग उत्साहित होकर वहां पहुंचे, वह दर्शाता है कि शहर अब तेजी से बदलाव की ओर बढ़ रहा है। संजय गांधी उद्यान अब सहरसा का नया आकर्षण बन चुका है – एक ऐसी जगह, जहां हर दिन की शुरुआत हो सकती है मुस्कान और सुकून के साथ।
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