सावन का महीना, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इस वर्ष 2025 में 11 जुलाई शुक्रवार से शुरू हो रहा है और यह शुभारंभ सिद्धि योग जैसे अत्यंत मंगलकारी योग में हो रहा है। सावन का समापन 09 अगस्त 2025 को होगा। इस वर्ष की पहली श्रावण सोमवारी 14 जुलाई को पड़ेगी, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है।
यह जानकारी दी है ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान, डॉ. रहमान चौक, सहरसा के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा ने। उन्होंने बताया कि सिद्धि योग में सावन मास की शुरुआत होना अत्यंत दुर्लभ और शुभ माना जाता है। इससे इस बार का सावन और भी अधिक फलदायक होगा।
🌿 सावन: मनोकामना पूर्ति का पवित्र महीना
पंडित झा बताते हैं कि सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना करने से सुख, समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
श्रावण सोमवार व्रत विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने पर भगवान शिव अत्यंत जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं।
🕉️ श्रावण मास में क्या करें पूजा में?
पंडित झा बताते हैं कि श्रावण के दौरान निम्न सामग्रियों से भगवान शिव की पूजा करना विशेष शुभ होता है:
-
गंगाजल एवं शुद्ध जल से जलाभिषेक
-
बेलपत्र, धतूरा, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध
-
विजया पत्र, मधु, गुड़, इत्र और पंचामृत
-
माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पण करना
इसके अलावा रुद्राभिषेक, पार्थिव पूजन, महामृत्युंजय मंत्र का जप और शिव चालीसा का पाठ करना भी अत्यंत पुण्यकारी होता है।
📿 सोमवार व्रत का महत्व और आरंभ का उत्तम समय
श्रावण सोमवार व्रत न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टिकोण से लाभदायक है, बल्कि यह जीवन में शांति, सफलता, विवाह संबंधी बाधाओं के निवारण और संतान सुख जैसे कई मनोकामनाओं की पूर्ति करता है।
पंडित झा ने यह भी बताया कि इस सावन से कोई भी भक्त सोलह सोमवार व्रत की शुरुआत कर सकता है, जो कि विवाहित जीवन में खुशहाली और प्रेम बढ़ाने के लिए अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं।
🗓️ सावन 2025 में सोमवार व्रत तिथियां इस प्रकार हैं:
क्रम संख्या | व्रत तिथि | वार |
---|---|---|
पहला सोमवार व्रत | 14 जुलाई 2025 | सोमवार |
दूसरा सोमवार व्रत | 21 जुलाई 2025 | सोमवार |
तीसरा सोमवार व्रत | 28 जुलाई 2025 | सोमवार |
चौथा सोमवार व्रत | 04 अगस्त 2025 | सोमवार |
🔔 मंदिरों में गूंजेगा ‘हर हर महादेव’ का जयघोष
सावन महीने में सहरसा सहित पूरे कोशी क्षेत्र के प्रमुख शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। मंदिरों में शिव नाम का जयघोष और विशेष पूजा-अर्चना की तैयारियां जोरों पर हैं।
भक्तों में विशेषकर युवा वर्ग में काँवर यात्रा, रुद्राभिषेक और सामूहिक जप-अनुष्ठान को लेकर गहरी आस्था देखी जा रही है। मंदिरों में भजन-कीर्तन और रात्रि जागरण का आयोजन भी प्रस्तावित है।
📣 क्या कहती है ज्योतिषीय गणना?
पंडित तरुण झा के अनुसार, इस बार सावन की शुरुआत सिद्धि योग में होने के कारण यह मास हर प्रकार की साधना, व्रत, अनुष्ठान, मंत्र जाप और उपवास के लिए अत्यंत फलदायक होगा। इस संयोग को अत्यंत दुर्लभ और लाभकारी माना गया है।
🙏 सावन विशेष अनुशंसा:
-
शिव चालीसा का नित्य पाठ करें
-
ओम नमः शिवाय का कम से कम 108 बार जाप करें
-
महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें
-
कांवर यात्रा कर सकें तो अत्यंत शुभ
"जो सावन में शिव को जल अर्पित करता है, उसे जीवन में हर संकट से मुक्ति मिलती है" — पंडित तरुण झा
0 Comments