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चंद्रा टाइम्स

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सहरसा की जनता किस पर करेगी भरोसा?



बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है। राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में से सहरसा एक अहम और राजनीतिक रूप से चर्चित सीट मानी जाती है। चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, सहरसा विधानसभा क्षेत्र में पहले चरण के तहत 6 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 14 नवंबर को मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे।

इस बार का चुनावी रण पिछले चुनावों की तुलना में और अधिक दिलचस्प माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार की नई योजनाओं और प्रशांत किशोर के ‘जन सुराज’ अभियान की सक्रिय एंट्री ने इस बार का मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। साथ ही स्थानीय मुद्दे, विकास कार्य और बेरोजगारी जैसे विषय भी मतदाताओं के लिए अहम सवाल बने हुए हैं।

🔹 पिछला चुनाव परिणाम

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के डॉ. आलोक रंजन झा ने शानदार जीत दर्ज की थी। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की उम्मीदवार लवली आनंद को 19,679 वोटों के अंतर से हराया था।

  • आलोक रंजन झा (BJP): 1,03,538 वोट (45.59%)

  • लवली आनंद (RJD): 83,859 वोट (36.93%)

  • किशोर कुमार (निर्दलीय): 12,592 वोट (5.54%)

  • NOTA: 5,307 वोट (2.34%)

वहीं 2015 में सहरसा सीट पर RJD के अरुण कुमार यादव ने BJP के आलोक रंजन झा को 39,206 वोटों से पराजित किया था।

  • अरुण कुमार यादव (RJD): 1,13,850 वोट (57.41%)

  • आलोक रंजन झा (BJP): 63,644 वोट (32.09%)

  • संजना देवी (JAP(L)): 6,618 वोट (3.41%)

  • NOTA: 5,211 वोट (2.69%)

🔹 सहरसा सीट का राजनीतिक इतिहास

1957 में स्थापित सहरसा विधानसभा क्षेत्र कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करता था। शुरुआती आठ चुनावों में कांग्रेस ने छह बार जीत हासिल की थी। लेकिन 1990 के दशक के बाद राजनीतिक समीकरण बदले और क्षेत्र में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलने लगा।

वर्तमान में यह सीट BJP के प्रभाव क्षेत्र के रूप में जानी जाती है, हालांकि RJD भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है। जन सुराज, जदयू और कांग्रेस जैसे दलों की उपस्थिति भी इस बार वोटों का समीकरण बिगाड़ सकती है।

जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, सहरसा की सियासत में हलचल बढ़ने लगी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 2025 में सहरसा की जनता किसके सिर जीत का सेहरा बांधती है — आलोक रंजन झा की भाजपा, आरजेडी का पुराना जनाधार या जन सुराज का नया समीकरण

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