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चंद्रा टाइम्स

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Saharsa News : गायत्री शक्तिपीठ में हुई सार्थक चर्चा — ‘विश्वास और अविश्वास के संतुलन में ही है जीवन की दिशा’



सहरसा। गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को ‘व्यक्तित्व परिष्कार सत्र’ का आयोजन किया गया। सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. अरुण कुमार जायसवाल ने कहा कि आज के समय में विश्वास से अधिक अविश्वास के लिए तर्क मौजूद हैं, और यही आधुनिक जीवन की बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि जीवन में अविश्वास भी आवश्यक है, क्योंकि इसका अर्थ वैमनस्य नहीं, बल्कि सजगता होता है।

डॉ. जायसवाल ने आगे कहा कि यदि अविश्वास को नकारात्मक दृष्टि से देखा जाए, तो यह व्यक्ति के चिंतन को कमजोर करता है। उन्होंने कहा—“जब हम मंत्र, विधि, गुरु, भगवान, पड़ोसी, यहां तक कि खुद पर भी अविश्वास करने लगते हैं, तो व्यक्तित्व बिखर जाता है। यह नकारात्मक सोच का परिणाम है।”

उन्होंने विश्वास और अविश्वास के बीच संतुलन की बात करते हुए कहा कि दोनों का मूल्यांकन औचित्य की कसौटी पर होना चाहिए।

इस अवसर पर डाल्टनगंज की एडिशनल जज विभा भी उपस्थित थीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जब वे सहरसा में पदस्थापित थीं, तब गायत्री शक्तिपीठ से लगातार जुड़ी रहीं, जिससे उन्हें व्यक्तिगत और आध्यात्मिक रूप से बहुत लाभ मिला।

सत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और वक्ताओं के विचारों से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लिया।

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