सहरसा के प्रधान डाकघर में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया जब पटना से आई एंटी करप्शन CBI टीम ने छापेमारी कर एक पोस्टल असिस्टेंट को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए कर्मी की पहचान संजीत कुमार यादव के रूप में हुई है, जो वर्तमान में डाकघर में पोस्टल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, संजीत यादव ग्रामीण डाक सेवकों की सैलरी जारी करवाने के बदले प्रति कर्मचारी 10 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। वह पहले 5 हजार रुपये अग्रिम और शेष 5 हजार रुपये सैलरी मिलने के बाद लेने की बात कर रहा था। इसी शिकायत के आधार पर CBI की टीम ने कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को उसे 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया।
CBI की टीम फिलहाल संजीत यादव से पूछताछ कर रही है। टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस रिश्वतखोरी में और कौन-कौन कर्मचारी या अधिकारी शामिल हैं। कार्रवाई के दौरान डाकघर परिसर में अफरातफरी मच गई और कर्मचारियों के बीच खलबली देखने को मिली।
इस छापेमारी से यह साफ संकेत मिलता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की निगरानी सख्त हो गई है और अब सरकारी कार्यालयों में लापरवाही या अवैध लेन-देन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
CBI ने अभी तक इस मामले पर आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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