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चंद्रा टाइम्स

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सहरसा पुलिस का धमाकेदार खुलासा: 72 घंटे में चोरी की गई 3 लाख रुपये की पूरी रकम बरामद, पासबुक-चेकबुक के साथ मिली बड़ी सफलता



सहरसा जिले की पतरघट थाना पुलिस ने तत्परता और कुशल नेतृत्व का शानदार उदाहरण पेश करते हुए 72 घंटे के भीतर एक बड़ी चोरी का पर्दाफाश कर डाला है। इस मामले में पुलिस ने 3 लाख रुपये नकद, तीन चेकबुक और एक पासबुक को बरामद कर लिया है। हालांकि, इस चोरी में शामिल मुख्य अभियुक्त अभी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।

इस पूरे मामले की जानकारी एक प्रेसवार्ता के जरिए दी गई, जो सदर थाना परिसर में आयोजित की गई थी। साइबर डीएसपी अजीत कुमार ने बताया कि यह घटना बीते 4 जून की शाम 6 बजे के करीब पतरघट थाना क्षेत्र के पतरघट बाजार की है। भद्दी गांव निवासी मक्का व्यापारी अभिनंदन केशरी अपनी बाइक से मधेपुरा से 3 लाख रुपये बैंक से निकालकर वापस अपने गांव लौट रहे थे। रास्ते में वे बाजार में एक अन्य मक्का व्यापारी की दुकान पर किसी कार्य से रुके और अपनी बाइक बाहर खड़ी कर दी। जब कुछ समय बाद वे वापस लौटे तो देखा कि उनकी बाइक की डिक्की से रुपयों से भरा बैग, तीन चेकबुक और एक पासबुक गायब है।

व्यापारी ने फौरन पतरघट थाना में लिखित आवेदन देकर मामला दर्ज कराया। पुलिस अधीक्षक हिमांशु के निर्देश पर एसडीपीओ आलोक कुमार और साइबर डीएसपी अजीत कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम में पतरघट थानाध्यक्ष रौशन कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक सोनू कुमार, प्रपुअनि नंदन कुमार, जिला आसूचना इकाई के पुअनि गुंजन कुमार और STF कोढ़ा टीम, कटिहार के साथ कोढ़ा थाना की पुलिस को भी शामिल किया गया।

टीम ने मामले की गहन जांच शुरू की। घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई और वैज्ञानिक, मानवीय व तकनीकी स्तर पर अनुसंधान किया गया। इसी दौरान सुराग मिला कि आरोपी कटिहार जिले के कोढ़ा जुड़ावगंज का निवासी है, जिसका नाम किशन कुमार है और वह स्वर्गीय मदन यादव का पुत्र है।

इसके बाद पुलिस टीम ने आरोपी के घर पर छापेमारी की, जहां से चोरी की गई पूरी 3 लाख की नकदी, तीन चेकबुक और एक पासबुक बरामद की गई। हालांकि आरोपी घर से फरार हो चुका था। पुलिस अब उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।

इस सफल कार्रवाई में पुलिस के कई विभागों की सामूहिक मेहनत देखने को मिली। पतरघट थाना के सशस्त्र बल, जिला आसूचना इकाई, साइबर सेल और STF कोढ़ा टीम की समन्वित कार्यशैली की बदौलत यह केस सुलझ सका।

सहरसा पुलिस की इस उपलब्धि से जिलेभर में उनकी सराहना हो रही है। व्यापारियों और आम जनता में पुलिस के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ है। प्रेसवार्ता में साइबर डीएसपी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कानून के हाथ लंबे हैं और अपराधी कितना भी चालाक हो, पुलिस की पकड़ से नहीं बच सकता।

कुल मिलाकर यह मामला न सिर्फ पुलिस की तत्परता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सहरसा पुलिस अब तकनीक और सहयोगी बलों के साथ मिलकर जिले को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में गंभीरता से प्रयासरत है। जनता को बस अब इतना समझ लेना चाहिए — गुनाह किया तो सहरसा पुलिस पीछे पड़ेगी, और फिर बचना मुश्किल होगा।


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