सबसे पहले बात करते हैं सुजाता रानी की, जिन्हें महिला थाना सहरसा का नया थानाध्यक्ष बनाया गया है। सुजाता रानी का तबादला इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि जिले में महिला संबंधित अपराधों की संख्या में बीते कुछ महीनों में इज़ाफा हुआ है। अब इस उम्मीद के साथ उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे महिलाओं की सुरक्षा और न्याय के लिए ज्यादा सजग और सक्रिय होकर काम करेंगी।
वहीं दूसरी ओर चंद्रजीत प्रभाकर को बैजनाथपुर थाना की कमान सौंपी गई है। बैजनाथपुर क्षेत्र में कई बार लूट, छिनतई और आपसी विवाद की घटनाएँ सामने आती रही हैं, ऐसे में यहां एक मजबूत नेतृत्व की ज़रूरत थी। चंद्रजीत प्रभाकर को एक कर्मठ और अनुशासित पुलिस पदाधिकारी के रूप में जाना जाता है, और प्रशासन को उम्मीद है कि उनके आने से इस इलाके में अपराधियों की गतिविधियों पर रोक लगेगी।
इसी तरह कुंदन कुमार सहनी को चिरैया थाना का थानाध्यक्ष बनाया गया है। कुंदन सहनी के पास पहले भी कई संवेदनशील इलाकों में काम करने का अनुभव है। वे जमीनी स्तर पर काम करने वाले अफसर माने जाते हैं। चिरैया क्षेत्र में वे किस तरह कानून व्यवस्था को सुधारते हैं, उस पर सबकी नजर टिकी रहेगी।
सिर्फ थानाध्यक्ष ही नहीं, बल्कि और भी कई पुलिस अवर निरीक्षकों को नई जिम्मेदारियाँ दी गई हैं। डोली रानी को पतरघट थाना में अपर थानाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि प्रेमचंद्र चौधरी को चिरैया थाना में अपर थानाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है। शशि कुमार को सदर थाना भेजा गया है जो शहर का सबसे व्यस्त थाना माना जाता है। साजन पासवान को बख्तियारपुर थाना भेजा गया है जहां पंचायत स्तर पर अपराध नियंत्रण की चुनौती रहती है। प्रमोद कुमार को यातायात थाना की कमान दी गई है, जो जिले के ट्रैफिक सुधार और दुर्घटनाओं की रोकथाम में बड़ी भूमिका निभाएंगे।
इसके अलावा सत्यप्रकाश कुमार को सौरबाजार थाना, सुमन कुमार सुमन को सोनवर्षा राज थाना, अजय कुमार सिंह को फिर से सदर थाना भेजा गया है। इनके अलावा शंभुनाथ झा को जन शिकायत कोषांग भेजा गया है, जहां जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान प्रशासन की प्राथमिकता में रहेगा। अमरेश कुमार को बनगांव थाना भेजा गया है, जहां पहले से ही कई लंबित केस हैं।
कुछ विशेष विभागों में भी फेरबदल किया गया है। सअनि मिथिलेश कुमार को हिंदी शाखा में भेजा गया है। ललित कुमार ललन को बिहरा थाना में, कुंदन कुमार को सोनवर्षा कचहरी, और धनंजय कुमार को भी बिहरा थाना की जिम्मेदारी दी गई है। ये बदलाव दर्शाते हैं कि जिला प्रशासन अब थानों में सक्रियता, जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर गंभीर हो चुका है।
एसपी ने साफ तौर पर कहा है कि इस तबादले का उद्देश्य किसी को सज़ा देना नहीं है, बल्कि कार्यक्षमता के आधार पर जगह-जगह उपयुक्त अधिकारियों को तैनात करना है ताकि अपराध नियंत्रण, महिला सुरक्षा, जनता की शिकायतों का निवारण और थाना संचालन को बेहतर बनाया जा सके। जिले में जिस तरह अपराधों की प्रवृत्ति बदली है, उसके हिसाब से अनुभवी और काबिल पुलिस अफसरों को फील्ड में उतारा गया है।
इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल से एक ओर जहां अपराधियों में खौफ बढ़ेगा, वहीं आम जनता को न्याय और सुरक्षा मिलने की उम्मीद बलवती हुई है। अब यह देखने वाली बात होगी कि नई तैनाती के बाद पुलिस महकमा कैसे अपनी कार्यशैली में बदलाव लाता है और आम लोगों का भरोसा जीतने में कितना सफल होता है। जिले की जनता की निगाहें अब हर थाने पर टिकी हैं—जहां नई जिम्मेदारी, नई सोच और नया एक्शन देखने को मिलेगा।
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