सहरसा : कहते हैं सेवा ही असली धर्म है। शुक्रवार की देर रात सहरसा से एक भावुक कर देने वाली तस्वीर सामने आई, जिसमें रौशन मिश्रा उर्फ माधव सड़क किनारे रह रहे जरूरतमंद और बेसहारा परिवारों के बीच फोल्डेबल मच्छरदानी वितरित करते नजर आए। ऐसे परिवार जो खुले आसमान के नीचे रातें बिताने को मजबूर हैं, उनके लिए यह एक बड़ी राहत थी।
रौशन मिश्रा उन लोगों में हैं जिनके लिए समाजसेवा कोई अवसर नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा है। उनका मानना है कि अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन जब आप किसी और की मुस्कान की वजह बनते हैं, तो दिल को सच्चा सुकून मिलता है।
विगत कई वर्षों से रौशन समाज के सबसे निचले तबके के बीच जाकर सेवा कार्य कर रहे हैं। चाहे स्लम एरिया में बच्चों को नहलाना हो, कपड़े देना, दवाइयां पहुंचाना या फिर भूखों को खाना खिलाना — यह सब अब उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है।
सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के बघवा निवासी रौशन मिश्रा ‘रोटी बैंक’ नामक संस्था के साथ मिलकर लगातार नौ वर्षों से जरूरतमंदों के बीच भोजन वितरण भी कर रहे हैं।
रौशन कहते हैं कि उन्हें इसी सेवा में जीवन का असली अर्थ और आत्मिक शांति मिलती है। वे मानते हैं कि जब तक समाज का हर आखिरी व्यक्ति सुरक्षित, संतुष्ट और सम्मानित नहीं होगा, तब तक उनका प्रयास जारी रहेगा।
उनके इस सेवा भाव को देखते हुए सहरसा के अनेक गरीब, बेसहारा और लाचार लोग उन्हें सच्चे दिल से आशीर्वाद देते हैं। रौशन सच में समाज को रौशन कर रहे हैं — उस रोशनी से, जो न केवल अंधेरे को दूर करती है, बल्कि इंसानियत का रास्ता भी दिखाती है।
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