सुपौल शहर को अतिक्रमण और लगातार बढ़ते जाम की समस्या से मुक्त कराने के उद्देश्य से अनुमंडल पदाधिकारी (सदर) इंद्रवीर कुमार और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गौरव गुप्ता की अध्यक्षता में अनुमंडल सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सुपौल के व्यापार संघ के सभी प्रमुख सदस्य शामिल हुए और शहर की व्यवस्थित यातायात व्यवस्था को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि पूर्व में बड़े पैमाने पर चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान के बाद भी कई दुकानदार अस्थायी रूप से पुनः सरकारी जमीन, नाले और सड़क पर सामान रखकर अतिक्रमण करने लगे हैं। ठेला चालकों और ई-रिक्शा संचालकों द्वारा भी सड़क और उपलब्ध सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा किए जाने से सड़कें संकरी हो जाती हैं, जिसके कारण शहर में लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है।
व्यापार संघ के सदस्यों ने प्रशासन को पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने बताया कि अधिकांश दुकानदार दुकान से बाहर सामान नहीं रखते। यदि कुछ दुकानदार अभी भी ऐसा कर रहे हैं, तो व्यापार संघ स्तर से उन्हें सख्त चेतावनी दी जाएगी और उनको केवल दुकान के अंदर ही सामान रखकर व्यापार करने का निर्देश दिया जाएगा। व्यापार संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इसके बावजूद कोई दुकानदार नियमों का उल्लंघन करता है, तो प्रशासन जुर्माना लगाने और सामान जब्त करने जैसी कड़ी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
बैठक में व्यापार संघ ने शहर को अतिक्रमण व जाम मुक्त रखने के लिए कई सुझाव दिए। इनमें कई सड़कों को वन-वे बनाने और कुछ मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्ट करने का प्रस्ताव शामिल था। इस पर एसडीएम और एसडीपीओ ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर को आवश्यक अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया।
अनियंत्रित ई-रिक्शा और ठेला चालकों पर नियंत्रण को लेकर भी चर्चा हुई। नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सभी ठेला चालकों का निबंधन अनिवार्य रूप से किया जाए। साथ ही उन्हें पहचान पत्र तथा अपने ठेला पर निबंधन संख्या अंकित करनी होगी। शहर की क्षमता को देखते हुए सीमित संख्या में ही ठेला चालकों का निबंधन किया जाएगा ताकि अनावश्यक भीड़ और अतिक्रमण न बढ़े। ई-रिक्शा के संचालन पर भी नियंत्रण और व्यवस्थित संचालन के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया गया।
अंत में, एसडीएम और एसडीपीओ ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर, नगर थाना प्रभारी, नगर परिषद अधिकारियों एवं कर्मियों को संयुक्त रूप से अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाने और यातायात व्यवस्था सुधारने के कड़े निर्देश जारी किए। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि नियमों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शहर को जाम व अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।
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